जानें किन कारणों से Alto और WagonR जैसी छोटी कारों का प्रोडक्शन हो सकता है बंद, Maruti Suzuki ने बताई यह वजह
Maruti Suzuki के चेयरमैन आर सी भार्गव के अनुसार, सस्ती कीमतों वाले वाहनों की बिक्री पर कंपनी को नुकसान होगा और जो कंपनियां पहले से ही ज्यादा कीमतों से जूझ रहीं हैं, उन पर भी अच्छा खासा दबाव बढ़ेगा.
Maruti Suzuki India: भारत के केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जनवरी महीने में एक ड्रॉफ्ट तैयार किया था जिसमें सभी वाहन निर्माता कम्पनियों को न्यू पैसेंजर वाहनों में 6 एयरबैग्स अनिवार्य करने की बात थी. यात्रियों की सेफ्टी के मामले में सरकार का यह निर्णय वाहनों के उपभोक्ताओं को बहुत पसंद आया. वहीं, कुछ ऐसी भी वाहन निर्माता कंपनियों को सरकार का यह निर्णय कुछ ख़ास पसन्द नहीं आया. उनके मुताबिक वाहनों में 6 एयरबैग्स अनिवार्य करने से वाहनों की कीमतों में इजाफा देखने को मिलेगा जिससे उनकी बिक्री भी प्रभावित हो सकती है.
आर सी भार्गव, जो कि Maruti Suzuki के चेयरमैन हैं, उनके अनुसार, सस्ती कीमतों वाले वाहनों की बिक्री पर कंपनी को नुकसान होगा और जो कंपनियां पहले से ही ज्यादा कीमतों से जूझ रहीं हैं, उन पर भी अच्छा खासा दबाव बढ़ेगा.
छोटी कारें के बंद होने का कारण- Maruti Suzuki के चेयरमैन ने संभावना व्यक्त की है कि छोटे वाहनों की बिक्री कोरोना महामारी से काफी प्रभावित हुई है और इन वाहनों की बिक्री में गिरावट भी देखने को मिल रही है. वहीं, बड़े साइज वाले महंगे वाहनों की मांग बढ़ेगी. टाइम्स ऑफ इंडिया को हाल ही में भार्गव ने इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि कंपनियां छोटे साइज वाले वाहनों के निर्माण में ज्यादा प्रॉफिट नहीं कमा पाती है, जिसके अनुसार यदि कंपनियां अव्यवहारिक हो जाती है तो ये छोटी कारों को बंद करने के संदर्भ में ज्यादा सोच विचार नहीं करने वाली.
कितनी होगी छोटी कारों की कीमत- हर साल लगभग 3 मिलियन यूनिट्स की सेल के मामले में भारत दुनियाभर में पांचवें नंबर का सबसे बड़ा व्हीकल मार्केट है. भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी Maruti Suzuki है. भारत में कारों की बिक्री के मामले में अधिकतर कारें लगभग ₹4,00,000 से लेकर ₹7,00,000 तक की कीमत में बिकती है. वहीं, बिक्री के मामले में हैचबैक कारों की संख्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. JATO डायनेमिक्स (auto market data provider) के मुताबिक, सभी वाहनों में चालक और फ्रंट यात्री एयरबैग उपलब्ध कराना पहले से ही अनिवार्य किया गया है और बाकी के 4 एयरबैग्स यदि वाहनों में लगते है तो इससे इनकी कीमत में 17,600 रुपये की उछाल देखने को मिल सकती है.
ज्यादा कीमत पर कारों के बिकने की कितनी है संभावना?- JATO डायनेमिक्स (auto market data provider) में भारत के अध्यक्ष रवि भाटिया के मुताबिक, यदि कंपनियां अतिरिक्त एयरबैक्स को वाहनों में जोड़ती है तो इसके लिए उन्हें वाहनों के डिजाइन में भी बदलाव करने की आवश्यकता होगी जिससे वाहन की लागत ज्यादा देखने को मिल सकती है. उनके मुताबिक कंपनियों को इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि क्या वाहनों के डिजाइन में बदलाव करना संभव है और क्या अधिक लागत पर हुई अधिक कीमत पर वह वाहन बिकेगा.