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1 जनवरी से ये गाड़ियां खरीदना हो जाएगा महंगा, जानिए क्यों बढ़ाई जा रही कीमत?
1 जनवरी 2026 से Mercedes-Benz और BMW की कारें महंगी होने जा रही है. ये कंपनियां अपनी गाड़ियों की कीमतों में 2 से 3 फीसदी तक की बढ़ोतरी करने जा रही हैं. आइए विस्तार से जानते हैं,

प्रतीकात्मक तस्वीर
Source : freepik
अगर आप 2026 की शुरुआत में लग्जरी कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो ये खबर आपके काम की है. भारत के लग्जरी कार बाजार की दो बड़ी कंपनियां Mercedes-Benz और BMW ने अपनी कारों की कीमतें बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. दोनों कंपनियां 1 जनवरी 2026 से अपने मॉडल्स की कीमतों में 2 से 3 फीसदी तक की बढ़ोतरी करने जा रही हैं. खास बात ये है कि यह बढ़ोतरी सितंबर 2025 में GST कटौती के बाद पहली बार की जा रही है. आइए इसके पीछे की वजह जानते हैं.
क्यों बढ़ाई जा रही हैं कारों की कीमतें?
- कंपनियों के अनुसार, कीमतों में ये इजाफा भारतीय रुपये की कमजोरी की वजह से किया जा रहा है. यूरो के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर बना हुआ है, जिससे Import पर खर्च बढ़ गया है. Mercedes-Benz का कहना है कि उसने कीमतों में बढ़ोतरी को करीब 2 फीसदी तक सीमित रखने की कोशिश की है. वहीं, बाजार से जुड़ी जानकारी के मुताबिक BMW अपनी कारों के दाम करीब 3 फीसदी तक बढ़ा सकती है.
रुपये की कमजोरी का असर
- साल 2025 के दौरान यूरो और रुपये के बीच विनिमय दर लंबे समय तक 100 रुपये से ऊपर रही. इससे पहले Mercedes-Benz ने सितंबर 2025 में भी 1 से 1.5 फीसदी तक कीमतें बढ़ाई थीं. कंपनी के अनुसार, कमजोर मुद्रा की वजह से सप्लाई चेन पर दबाव बढ़ा है. भारत में जो कारें पूरी तरह Import की जाती हैं या जिनके लिए बाहर से पार्ट्स मंगाए जाते हैं, उनकी लागत काफी बढ़ गई है.
Mercedes-Benz की फेस्टिव सीजन में दमदार बिक्री
- कीमत बढ़ने के बावजूद Mercedes-Benz के लिए 2025 का फेस्टिव सीजन काफी अच्छा रहा. कंपनी ने नवरात्रि के 9 दिनों में करीब 2,500 कारें बेचीं. इन कारों की औसत कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये रही. हालांकि अक्टूबर के बाद नवंबर में बिक्री थोड़ी कमजोर रही. अक्टूबर और नवंबर को मिलाकर कंपनी ने 3,396 यूनिट्स की बिक्री की, जो पिछले साल के लगभग बराबर रही.
BMW की बिक्री में बढ़ोतरी
- BMW के लिए अक्टूबर और नवंबर 2025 का समय बेहतर रहा. इस दौरान कंपनी की बिक्री में 6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और कुल 2,849 यूनिट्स की बिक्री हुई. ये आंकड़े फेडरेशन ऑफ ऑटोमोटिव डीलर्स एसोसिएशन के डेटा से सामने आए हैं.
आगे और महंगी हो सकती हैं कारें
- रुपये की कमजोरी सिर्फ यूरो ही नहीं, बल्कि डॉलर और चीनी युआन के मुकाबले भी देखी गई है. इससे इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी और खास मैग्नेट जैसे पार्ट्स की लागत बढ़ सकती है, जिनकी सप्लाई ज्यादातर चीन से होती है. इसका असर आने वाले समय में कारों की कीमतों पर और भी पड़ सकता है. अगर आप Mercedes-Benz या BMW की कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो 1 जनवरी 2026 से पहले खरीदना फायदेमंद हो सकता है. नए साल से इन लग्जरी कारों की कीमतें बढ़ना तय है.
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