Vastu Tips: भूमि दोष होने पर घर में घटती हैं अशुभ घटनाएं, जमीन खरीदने से पहले ऐसे करें पहचान
Vastu Tips: बहुत से लोग भूमि ले लेते हैं. उसे फिर अजीब घटना देखने को मिलती है. ऐसी ही भूमि दोष वाली भूमि पर आपका घर बना है तो परिवार के लोगों के साथ अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं।

Vastu Tips for Bhumi Dosh: हिंदू धर्म में वास्तु दोष और भूमि दोष को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. कई बार लोग नया घर या फ्लैट बड़े सपनों और उम्मीदों के साथ खरीदते हैं, लेकिन वहां अचानक समस्याएं बढ़ने लगती हैं। रिश्तों में तनाव, आर्थिक परेशानियां, बनते कामों में रुकावट और घर में कलह – ये सब भूमि दोष के संकेत हो सकते हैं.
वास्तुशास्त्र में माना गया है कि भवन निर्माण से पूर्व उचित भूखंड या फिर कहें जमीन का चयन कर उसका भूमि परीक्षण किया जाना चाहिए. ऐसा करने से भवन निर्माण के उपरांत वहां निवास करने वाले सदस्य अनेक प्रकार की परेशानियों से बच सकते हैं.
भूमि दोष के निवारण के लिए वास्तु नियम का पालन करें
जिस जमीन पर वास्तु दोष होता है। उस पर न सिर्फ मकान बनवाने के बाद दिक्कत आती है. बल्कि कई बार ऐसा भी होता है कि लोग जमीन तो खरीद लेते हैं लेकिन उसमें सालों साल तक कोई मकान नहीं बनवा पाता है. यदि आप चाहते हैं कि आपके घर की खुशियां हमेशा बरकरार रहें और घर का प्रत्येक सदस्य सुख-समृद्धि और आरोग्य के साथ जीवन में उत्कर्ष करे तो आपको हमेशा वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए.
ज्योतिष के अनुसार भूमि का कारक ग्रह मंगल और चतुर्थ भाव मजबूत होने पर जातक अक्सर भूमि खरीदने की स्थिति में आ जाता है. यदि आपके साथ भी ऐसी शुभ स्थिति बन रही है तो आपको भूमि को खरीदने से पहले उसके वास्तु दोष का पता लगाने के लिए इन नियमों को जरूर जानना चाहिए.
मिट्टी के रंग और गंध से पहचानें जमीन
- जमीन की ऊपरी मिट्टी की परत को हटाकर थोड़ी नीचे की मिट्टी को हाथ में लेकर देखने से इसका रंग आसानी से पता लग जाता है और सूंघकर इसकी गंध व चखकर इसका स्वाद मालूम हो जाता है.
- अगर श्वेत रंग की मिट्टी सुगंध और मिठास लिए हुए है तो इसे ब्राह्मणी मिट्टी कहते हैं. आध्यात्मिक सुख प्रदान करने वाली ऐसी मिट्टी वाले भूखंड पर निर्मित भवन बुद्धिजीवियों, धार्मिक व्यक्तियों के लिए अनुकूल होते हैं.
- क्षत्रिय मिट्टी लाल रंग, तीखी गंध और तीखे कसैले स्वाद वाली होती है. वर्चस्व और पराक्रम को बढ़ाने वाली ऐसी मिट्टी के भूखंड प्रशासकों और राजकीय अधिकारियों के लिए उपयुक्त होते हैं.
- हल्के पीले रंग की हल्की गंध और खटास वाली मिट्टी वैश्य मिट्टी कहलाती है. व्यवसायी और व्यापारी वर्ग के लिए ऐसे स्थान पर आवास बनाना लाभकारी माना गया है, जो धन-धान्य से पूर्ण करती है.
- तीखी हल्की गंध और कड़वे स्वाद वाली काली मिट्टी को शुद्ध मिट्टी कहा जाता है. इस प्रकार की मिट्टी वाले भूखंड पर निर्माण करना सभी के लिए उपयुक्त है.
गड्ढा खोद करें परीक्षण
जिस जमीन पर मकान आदि का निर्माण करना हो, उस स्थान पर गृह स्वामी की कुहनी से मध्यमा अंगुली तक की लम्बाई नापकर उसी नाप का गहरा, लम्बा व चौड़ा गड्ढा कर लें एवं निकली हुई मिट्टी से गड्ढे को पुनः भर दें. यदि मिट्टी कम पड़े तो हानि, बराबर रहे तो न हानि न लाभ तथा मिट्टी शेष बच जाए तो ऐसी भूमि को सुख-सौभाग्य प्रदान करने वाली समझना चाहिए.
नारायण भट्ट ग्रंथ के अनुसार सांयकाल सूर्यास्त के समय ऊपर बताए गए नाप का गड्ढा खोदकर उसे पानी से पूरा भर दें. प्रातःकाल जाकर देखें, यदि पानी शेष है तो शुभ, पानी नहीं बचा लेकिन मिट्टी गीली है तो मध्यम तथा सूखकर दरारें पड़ जाए तो भवन निर्माण के लिए इसे अशुभ माना गया है.
एक अन्य तरीके के अनुसार गड्ढे को जल से भरकर सौ कदम जाकर पुनः लौट कर देखें. गड्ढा अगर पूरा भरा हो तो उत्तम, चौथाई कम हो तो मध्यम, आधा या उससे कम रह जाए तो ऐसी भूमि वास्तु की दृष्टि में अच्छी नहीं मानी गई है.
बीज बोकर जमीन की पहचान
भूमि परीक्षण बीज बो कर भी किया जाता है. यदि बीज समय पर अंकुरित हो जाए तो ऐसी भूमि पर निर्माण करना वास्तु में उचित माना जाता है. जिस जगह पर विश्राम करने से व्यक्ति के मन को शांति अनुभव होती है, अच्छे विचार आते हैं तो वह भूमि भवन निर्माण के योग्य होती है. वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि गड्ढे में पानी स्थिर रहे तो घर में स्थायित्व, बाएं से दाएं घूमता दिखे तो सुख, दाएं से बाएं घूमे तो अशुभ रहता है.
न बनाएं मकान
भूखंड की खुदाई में कपाल, बाल, हड्डी, कोयला, कपड़ा, जली लकड़ी, चींटियां, सर्प, कौड़ी, रुई अथवा लोहा मिले तो अनिष्ट होता है लेकिन पत्थर मिलें तो धनलाभ, ईंट मिलें तो बढ़ोत्तरी एवं तांबे के सिक्के आदि निकलें तो ऐसी भूमि सुख-समृद्धि दायक होती है.
भूमि दोष होने पर संकेत
अगर दोष वाली भूमि पर आपका घर बना है तो परिवार के लोगो के साथ अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं. ऐसे घर में पालतू जानवर जैसे- कुत्ता, बिल्ली, गाय ज्यादा दिन तक जी नहीं पाते. घर के लोगों के साथ दुर्घटनाएं होती रहती हैं, तो समझ जाइए इसका कारण भूमि दोष हो सकता है.
घर में अनजान आवाजों का सुनाई देना या विचित्र आकृतियां दिखने का भ्रम पैदा होना भी भूमि दोष का कारण है. धन का संचित न हो पाना और बने-बनाए कार्यों का भी बिगड़ जाना. करियर में मेहनत करने पर भी तरक्की न होना और घर के लोगों के बीच लड़ाई-झगड़े होने का कारण भी भूमि दोष हो सकता है.
भूमि दोष उपाय
हर रोज़ हनुमान चालीसा, दुर्गा सप्तशती और गीता का पाठ करें. साल में कम से कम एक बार वास्तु शांति कराएं. घर में काले और लाल रंग का कम से कम इस्तेमाल करें. केले और तुलसी के पौधे लगाएं, ये भूमि को शुद्ध करते हैं.
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