Guru Gochar 2025: गुरु 12 साल बाद मिथुन राशि में करेंगे गोचर, सभी 12 राशियों के जीवन में होगा क्या बदलाव जानें
Guru Gochar 2025: देवगुरु बृहस्पति साल 2025 में दो बार राशि बदलेंगे. गुरु के दो बार गोचर होने पर यह अतिचारी होकर सभी राशियों पर प्रभाव डालेंगे. गुरु गोचर का क्या असर होगा जानें.

Guru Gochar 2025: साल 2025 ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास माना गया है. इसका कारण है शनि, गुरु और राहु-केतु का राशि परिवर्तन. दरअसल, यह सभी ग्रह एक लंबे समय के बाद राशि परिवर्तन करते हैं और यह संयोग इस वर्ष बना हुआ है. 29 मार्च 2025 के दिन न्याय के कारक शनि ने कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश किया था. यह साल का सबसे पहला और बड़ा गोचर रहा है.
गुरु गोचर 2025 में कब
अब इसके बाद 14 मई 2025 को रात 11:20 मिनट पर गुरु वृषभ से मिथुन राशि में गोचर करेंगे. यह शनि के बाद दूसरा सबसे अहम गोचर है, जिसका खास प्रभाव देश-दुनिया सहित व्यक्ति के निजी जीवन पर दिखाई देगा.
दो बार गुरु बदलेंगे चाल
फिर इसके बाद दूसरा गोचर 19 अक्तूबर को कर्क राशि में होगा. साल 2025 में गुरु कर्क राशि में रहते हुए अपनी उच्च अवस्था में होंगे. ऐसे में कुछ राशि वालों को इसका विशेष लाभ मिलेगा. 12 नवंबर 2025 को गुरु ग्रह कर्क राशि में रहते हुए वक्री हो जाएंगे. फिर इसी अवस्था में रहते हुए 03 दिसंबर 2025 को फिर से मिथुन राशि में गोचर हो जाएंगे.
इस तरह से साल 2025 में गुरु ग्रह वृषभ राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए मिथुन राशि में ,फिर मिथुन राशि से चंद्रमा की राशि कर्क में गोचर होंगे और कर्क राशि से निकलकर वक्री होकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे. 09 जून 2025 को गुरु अस्त हो जाएंगे और 09 जुलाई को उदय हो जाएंगे. इस तरह से गुरु के साल 2025 में दो बार गोचर होने से अतिचारी होंगे.
गुरु की अतिचारी चाल का महासंयोग
साल 2025 में गुरु का गोचर बहुत ही खास रहने वाला है. देवगुरु बृहस्पति करीब किसी एक राशि में करीब 13 महीनों तक रहते हैं. इस वर्ष गुरु तीन बार अपनी राशि बदलेंगे, जिसके कारण गुरु अतिचारी होंगे. इस तरह का योग कई वर्षों बाद बनता है. गुरु अतिचारी होकर दो बार राशि परिवर्तन करेंगे और दो बार इनकी चाल में बदलाव आएगा.
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु को विशेष स्थान होता है. जिन जातकों की कुंडली में गुरु अच्छी स्थिति में उन्हे शुभ फल प्राप्त होते हैं. देवगुरु बृहस्पति को सुख-समृद्धि, धन-दौलत, मान-सम्मान, शिक्षा, संतान और विवाह का कारक ग्रह माना जाता है.
प्रभाव
- व्यापार में तेजी आएगी. देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी. प्राकृतिक घटनाएं होगी. भूकंप आने की संभावना है.
- तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं.
- बस और रेलवे यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है.
- मिथुन तीसरे भाव की राशि है तो लोग नई चीज सीखेंगे. गुरुओं की कद्र होगी और लोग अपने ज्ञान को दूसरों के साथ बाटेंगे.
- बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है. शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे.
- सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं. खदानों में दुर्घटना और भूकंपन से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है.
- रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में इजाफा होगा. राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा.
- यह समय नए विचारों और यात्राओं का होगा. आप अंदर से कुछ खुला हुआ महसूस करेंगे.
- मिथुन राशि में बृहस्पति का गोचर सामाजिक संपर्क और बौद्धिक गतिविधियों को बढ़ाता है लेकिन ध्यान केंद्रित रखना स्वयं पर यह भी बहुत आवश्यक है.
- अगर आप अपना व्यक्तिगत विकास करना चाहते हैं, शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं.
- अपना कम्युनिकेशन अच्छा करना चाहते हैं ,अपना सोशल सर्कल बढ़ाना चाहते हैं, सामाजिक नेटवर्क उसके लिए विस्तार का समय है.
उपाय
- हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें.
- प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं.
- हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं.
- ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है.
- महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए. माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए.
गुरु के मिथुन राशि में गोचर का सभी 12 राशियों पर कैसा असर दिखेगा
मेष राशि - गुरु का राशि परिवर्तन बहुत ही फलदायी साबित होगा. आपके जो काम नहीं हो पा रहे थे उसमें अब सफलता मिलेगी. नौकरीपेशा और व्यापारियों के लिए गुरु का राशि परिवर्तन अच्छा रहेगा.
वृषभ राशि - वृषभ राशि के जातकों के लिए गुरु का राशि परिवर्तन अनुकूल रहेगा. आर्थिक स्थितियां पहले के मुकाबले बेहतर रहेगी. धन लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी. जो लोग अविवाहित हैं उनका विवाह हो सकता है.
मिथुन राशि - गुरु का गोचर आपकी ही राशि में होगा. ऐसे में गुरु आपको शुभ फल देने के लिए बाध्य होंगे. आपके शत्रुओं की हार होगी. सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी. मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी.
कर्क राशि - गुरु का राशि परिवर्तन मिलाजुला साबित होगा. कमाई के लिए आपको अतिरिक्त परिश्रम करना होगा. नौकरीपेशा जातकों को नौकरी में कामकाज को लेकर कुछ दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है.
सिंह राशि - गुरु का गोचर अच्छा रहेगा. अच्छी सफलता प्राप्ति होगी और कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान में इजाफा देखने को मिलेगा. मकान और वाहन का सुख आपको मिलेगा. कर्ज संबंधी परेशानियों से आपको निजात मिलेगी. लाभ के शानदार मौके आपको मिलेंगे.
कन्या राशि - गुरु का गोचर आपको कामकाज में लाभ और उन्नति के अवसरों में वृद्धि करवाएगा. आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा.कर्ज संबंधी समस्याओं से आपको निजात मिलेगी. जीवन में सुख और वैभव की प्राप्ति होगी.
तुला राशि - आपको अपने धन संबंधी मामलों में आ रही रुकावटें दूर होंगी. लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी. भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा. धर्म-कर्म में आपकी रुचि बढ़ेगी. लाभ के अच्छे अवसर आपके हाथ आएंगे.
वृश्चिक राशि - गुरु का राशि परिवर्तन आपके जीवन में मिलाजुला असर प्रदान करने में सहायक साबित होगा. आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा. व्यापार में आपको निवेश संबंधी मामलों में फैसले लेने में आजादी मिलेगी.
धनु राशि - गुरु ग्रह आपके जीवन में शुभ फल देंगे. लाभ के अवसरों में वृद्धि करवाने में कामयाब होंगे. बिजनेस में आपको कामयाबी मिल सकती है और कोई बड़ी डील आपके हाथ में लग सकती है। आप अपने विरोधियों पर भारी होंगे. लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी.
मकर राशि - सुखद पल और आनंद की प्राप्ति होगी लेकिन आपके बेफिजूल के खर्चो में बढ़ोतरी होगी. कार्यस्थल पर आपको लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी. निवेश संबंधी मौके आपके हाथ लगेंगे. जो लोग इस वर्ष विवाह करना चाह रहे हैं उनका विवाह हो सकता है. सुख-सुविधाओं में इजाफा होगा.
कुंभ राशि - गुरु का गोचर लाभकारी साबित होगा. धन लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी. आपको अपनी योजना पर काम को जारी रखने का प्रयास करना होगा. भाग्य का अच्छा साथ मिलने से आपको धन संबंधी लाभ मिलने के संकेत हैं.
मीन राशि - गुरु का मिथुन राशि में प्रवेश कुछ मामलों में अच्छा नहीं कहा जा सकता है. आपको किसी काम में जल्दबाजी नहीं दिखानी होगी. कानूनी वाद-विवाद में आपको संभलकर रहना होगा. सुख-सुविधाओं में आपको कमी का सामना करना पड़ सकता है.
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