'महावीर जयंती' के मौके पर जानिए भगवान महावीर से जुड़ी ये बातें
आज महावीर स्वामी की जयंती है. भगवान महावीर को जैन धर्म में 24वें तीर्थंकर का स्थान प्राप्त है. आज गुरूजी पवन सिन्हा आपको महावीर जयंती के मौके पर भगवान महावीर के बारे में बता रहे हैं कि भगवान महावीर कौन थे और उन्हें भगवान का दर्जा कैसे मिला.

नई दिल्लीः आज महावीर स्वामी की जयंती है. भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं. महावीर को 'वर्धमान', वीर', 'अतिवीर' और 'सन्मति' भी कहा जाता है. आज गुरूजी पवन सिन्हा आपको महावीर जयंती के मौके पर भगवान महावीर के बारे में बता रहे हैं कि भगवान महावीर कौन थे और उन्हें भगवान का दर्जा कैसे मिला.
भगवान महावीर का जन्म- चैत्र शुक्ल पक्ष की तेरहवीं तिथि को बिहार के कुंडग्राम में भगवान महावीर का जन्म क्षत्रिय परिवार में लगभग 599 वर्ष पहले हुआ था. भगवान महावीर राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के पुत्र थे. भगवान महावीर के जन्मदिन को महावीर स्वामी जयंती कहते हैं. महावीर स्वामी के बचपन का नाम था वर्धमान. वे बचपन से ही वीर और साहसी थे. इतना ही नहीं, वे बचपन से वैरागी थे जिस कारण घर में उनका मन नहीं लगता था.
भगवान महावीर के विवाह को लेकर है मतभेद- भगवान महावीर की शादी यशोधरा नाम की राजकुमारी से हुआ था. विवाहोपरांत भगवान महावीर और यशोधरा ने एक बेटी प्रियदर्शना को जन्म दिया था. हालांकि दिगंबर सुमदाय की मान्यता है कि भगवान महावीर का विवाह नहीं हुआ था, वे ब्रह्मचारी थे.
भगवान महावीर तीस साल की उम्र में गृह त्याग कर, दीक्षा लेकर आत्मकल्याण के पथ पर निकल गये थे. भगवान महावीर ने सांख्य दर्शन का अध्ययन किया. उन्होंने प्राकृतिक भाषा में पहला प्रवचन दिया था. भगवान महावीर अशोक वृक्ष के नीचे बैठकर ध्यान लगाते थे. साढ़े बारह साल तक कठोर तप के बाद उन्हें केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.
भगवान महावीर ने पूरे विश्व को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया था और इन्हों ने धर्म पर चलने वाले 5 सिद्धांत बताए थे- सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय.
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