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Astrology: इस साल राहु और केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए आजमाएं ये अचूक उपाय
अगर कुंडली में इन दोनों की स्थिति सही है नहीं जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. व्यक्ति को एक साथ कई तरह की समस्याओं को झेलना पड़ता है.

राहु और केतु को ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है. अगर कुंडली में इन दोनों की स्थिति सही है नहीं जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. व्यक्ति को एक साथ कई तरह की समस्याओं को झेलना पड़ता है. राहु केतु के दुष्प्रभावों से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं. इन्हें आजमाने से इनके गलत प्रभावों को कम किया जा सकता है. जानते हैं यह उपाय कौन से हैं...
- दुर्गा पूजा से राहु केतु को शांत किया जा सकता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु केतु छाया ग्रह हैं और देवी दुर्गा को भी छायारूपेण कहा जाता है.
- भगवान श्रीकृष्ण की नाग पर नाचते हुए कृष्ण की तस्वीर को समाने रखें और रोज 108 बार ओम नम: भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
- राहु-केतु के शुभ फल की प्राप्ति के लिए प्रत्येक दिन इनके बीज मंत्रों का जाप करना चाहिए.
- शिव सहस्रनाम और हनुमत सहस्त्रनाम का पाठी भी बहुत प्रभावकारी है. इनके पाठ ग्रह पीड़ाएं शांत होती है.
- राहु और केतु की 18-18 शनिवार को पूजा करनी चाहिए और उपवास रखना चाहिए और प्रिय रत्न गोमेद और लहसुनिया का दान करना चाहिए.
- मलयगिरी चंदन का एक टुकड़ा लें. इसे नीले रेश्मी वस्त्र में लपेटकर बुधवार को धारण करें. राहु की शांति के लिए यह एक बहुत प्रभावी उपाय है.
- बुधवार या गुरुवार को अश्वगंध की जड़ का टुकड़ा लें और आसमानी रंग के कपड़े में इसे धारण करें. यह उपाय केतु की शांति के लिए बहुत अच्छा है.
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