सूर्य और बुध ग्रह की कृपा से व्यक्ति को मिलती है सफलता, जानें- इसके फायदे
जन्मकुंडली के प्रथम भाव में सूर्य और बुध ग्रह की मौजूदगी व्यक्ति को प्रभावशाली और आकर्षक बनाती है.

नई दिल्ली: जन्मकुंडली में बैठे ग्रह व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं. ग्रहों की दशा और उनका विभिन्न भावों में विचरण व्यक्ति की सोच से लेकर उसके कामों तक पर असर डालते हैं. कुंडली का प्रथम भाव जिसे हम लग्न भाव भी कहते हैं इसमें बैठे ग्रह व्यक्ति के जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं. इस भाव में सूर्य और बुध ग्रह यदि एक साथ बैठें हों तो व्यक्ति को किस तरह से प्रभावित करते हैं आइए जानते हैं- कुंडली का प्रथम भाव लग्न कहलाता है. जिस तरह से व्यक्ति के चेहरे को देखकर बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है उसी तरह ज्योतिष में कुंडली के प्रथम भाव को देखकर व्यक्ति के बारे में पता किया जाता है. प्रथम भाव में मौजूद राशि और उसमें विराजमान ग्रह यादि अच्छी डिग्री और दोष रहित हैं तो लग्न में बैठे ग्रह भी व्यक्ति को सफल बना देते हैं. आधुनिक समय में वही व्यक्ति सफल है जो दूरदर्शी होता है. आने वाले अच्छे बुरे समय को भांव लेता है. जिस व्यक्ति में यह क्षमता होती है वह जीवन में ऊचाईयों को छूता है. इस भाव में बैठे सूर्य और बुध ग्रह व्यक्ति को भविष्यवाणी करने वाला भी बनाते हैं अगर आपकी कुंडली के प्रथम भाव में यह दोनों ग्रह एक साथ विराजमान हैं तो सोच समझ कर किसी के बारे में राय दें,क्योंकि इसके सत्य होने की संभावना अधिक रहती है. दोनों ग्रहों की मौजूदगी बुध आदित्य योग भी बनाता है. कुंडली मे इस योग को शुभ योग माना गया है. ऐसे व्यक्ति अच्छे गणनाकार, ज्योतिषी भी हो सकते हैं. समाज में इनका सम्मान होता है और इनका व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है. सुबह के समय इनकी खूबसुरती देखने लायक होती है. सूर्य जैसे जैसे क्रिया करेगा ऐसे जातको पर उसका वैसा प्रभाव दिखाई देगा. सूर्य और बुध ग्रह को मजबूत बनाने के लिए पिता के साथ संबंध बेहतर बनाएं और बुध के लिए घर में तोता पाल सकते हैं. ऐसा करने से इसके दोष भी दूर होंगे.

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Source: IOCL