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22 January 2024 Special Day: 22 जनवरी 2024 को बन रहा है अद्भूत संयोग, जानें इस दिन की विशेषता
22 January 2024 Special Day: प्रभु श्रीराम जी के पावन मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 क्यों खास दिन है और प्रतिष्ठा मुहूर्त दोपहर 12:30 बजे के मुहूर्त में क्या विशेषता है? जानें.
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22 January 2024 Special Day: 22 जनवरी 2024 का दिन विशेष है. क्या इस दिन आप अपने इष्ट देवता आदि की स्थापना कर सकते हैं? उस समय यदि कोई जातक पैदा हो जाये तो उसका जीवन कैसा रहेगा? आइये जानते हैं 22 जनवरी 2024 के इस विशेष महूर्त की कुछ खास बातें.
प्रभु श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा के लिए समय 12:29 और 8 सेकंड से लेकर 12:30 और 32 सेकंड तक रहेगा. इस दिन की विशेषताएं यह है कि सूर्य देव उत्तरायण में होंगे जो अपने आप में ही एक अच्छा समय है महाभारत में भी प्रसंग आता है कि भीष्म पितामह ने अपने प्राण सूर्यदेव के उत्तरायण में जाने के पश्चात त्यागे थे.
उत्तरायण में प्राण त्यागने से भीष्म पितामह को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और वह प्रभु चरणों में विलीन हो गए थे. इस दिन मुहूर्त के समय मेष लग्न रहेगा, मृगशिरा नक्षत्र होगा और इंद्रयोग होगा. इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त होगा जो कि अपने आप में एक स्वयं सिद्ध मुहूर्त है. यदि किसी को किसी कार्य के लिए कोई मुहूर्त ना मिल रहा हो तो अभिजीत मुहूर्त का प्रयोग भी किया जाता है.
आईए जानते हैं इस दिन की ग्रह स्थिति के बारे में कौन सी विशेषताएं रहेंगी. मेष लग्न होगा, लग्न में बृहस्पति, वृषभ राशि में उच्च के चंद्रमा, षष्टम भाव में केतु, नवम भाव में मंगल बुध और शुक्र, दशम भाव में सूर्य दिग्बली होगा, एकादशी भाव में स्वराशि के शनि तथा द्वादश स्वभाव में राहु होंगे.
यहां अपने आप में ही एक बहुत वैभवशाली योग बन रहा है मेष लग्न में भाग्य का स्वामी बृहस्पति लग्न में होगा जो की दिग्बली होता है और शुभफल देने विशेष बल प्राप्त होता है. नवम त्रिकोण का स्वामी बृहस्पति का केंद्र में चले जाना और दिगबली हो जाना और मित्र की राशि में जाना अपने आप में ही एक भाग्यशाली एवं देवकार्यों के लिए शुभ योग है.
लग्न तथा अष्टम का स्वामी मंगल नवम भाव में द्वितीय तथा सप्तम भाव के स्वामी शुक्र और तृतीय तथा षष्टम भाव के स्वामी बुध के साथ है, जिस पर बृहस्पति की नवम दृष्टि रहेगी. यह केंद्र त्रिकोण राजयोग अपने आप में ही धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ योग कहा जाएगा. इस योग के कारण मंदिर के कीर्ति हमेशा बढ़ती रहेगी.
दशम भाव में दिग्बली सूर्य है जो की पंचम भाव का स्वामी भी है इस स्थिति में मंदिर में धार्मिक कर्मकांड वेद पाठ इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण कार्य में वृद्धि का योग बनता है तथा भारत सरकार द्वारा भविष्य में भी इस मंदिर के प्रति विशेष समर्थन का योग दर्शाता है. दशम तथा एकादश भाव का स्वामी शनि एकादश भाव में ही है जो आय की दृष्टि से इस मंदिर का उच्च स्तरीय विकास दर्शाता है.
अब बात करते हैं कि क्या अन्य देवी देवता संबंधित स्थापना भी इस दिन हम लोग अपने घरों में कर सकते हैं. तो हां यह दिन जिस समय प्रभु श्री राम जी की स्थापना की जा रही हो उस समय अपने-अपने घरों में भी अपने आराध्य एवं इष्ट देवताओं की पूजा स्थापना आदि कर सकते हैं यह अपने आप में सुभिता में वृद्धि करने वाला योग रहेगा. सात्विक पूजन के लिए यह समय विशेष शुभ है.
यदि कोई जातक इस समय पैदा होता है तो उसे जातक का भविष्य बहुत उज्जवल रहेगा. वह एक ज्ञानी दार्शनिक, न्यायवादी तथा राज समाज में उच्च प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति बनेगा और आजीवन धन धान्य से समृद्ध रहेगा तथा सुखी रहने के योग बने रहेंगे.
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