ज्योतिष: जन्मकुंडली का दसवां भाव है करियर कारोबार के लिए जिम्मेदार, ऐसे पहचानें क्या करेंगे आप
Janm Kundli 10th house: कामकाज जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है. प्रत्येक व्यक्ति कर्म से महान बनता है. जन्मकुंडली का दसवां भाव कर्म के स्वरूप और रुचि को दर्शाता है.

अक्सर लोगों को शिक्षा से इतर कार्य करते देखा जाता है. बड़ी संख्या में ऐसे लोग पाए जाते हैं जो शुरूआत एक व्यापार से करते हैं. लेकिन भविष्य में कुछ और करने लगते हैं. इसका कारण जन्मकुंडली का दसवां भाव है. यह कर्म का भाव होता है.
कुंडली में 12 भाव होते हैं. इनमें दसवां कार्य व्यापार, रुचि और कर्म क्षेत्र का होता है. इस भाव के बलवान होने पर व्यक्ति बड़ी उपलब्धियां अर्जित कर सकता है. इस भाव पर जिस ग्रह का सर्वाािक प्रभाव होता है उस ग्रह से जुड़े कार्याें को व्यक्ति रुचि लेकर करता है. उदाहरण के लिए, मंगल का इस भाव पर गहरा प्रभाव व्यक्ति को कर्मठ और योद्धा बनाता है. ऐसा व्यक्ति खेल हो, सैन्य सेवा हो अन्य क्षेत्र हो पूरे मनोयोग से कार्य में जुटे रहते हैं. व्यापार में विरोधियों से आगे निकल जाते हैं. शुक्र प्रधान दसवां भाव व्यक्ति को कला और शास्त्र मर्मज्ञ बनाता है. मनोरंजन से जोड़ता है. पशुधन, वाहन और भवन के कार्याें से जोड़ता है.
बुध प्रधान दसवां भाव व्यक्ति को सफल पेशेवर और व्यापारी बनाता है. ऐसे लोग मेहनत लगन औ शिक्षा से नाम और दाम दोनो पाते हैं. सूर्य की प्रबलता से व्यक्ति सत्ताशीर्ष तक पहुंच सकता है. अधिकारी बनता है. प्रशासन में गहरा दखल रखता है. प्रबंधन से जुड़े कार्याें में रुचि लेता है.
देवगुरु बृहस्पति अकादमिकता देते हैं. अच्छा सलाहकार और नियम पालक बनाते हैं. व्यक्ति पद प्रतिष्ठा को प्राप्त होता है. अनुशासन से जुड़े क्षेत्रों में सफलता पाता है. शनिदेव के गुण व्यक्ति को दूरदर्शी बनाते हैं. राजनीति और पराविज्ञान में रुचि लेता है. सेवा भावना और कृषि कर्म से जोड़ता है. चंद्रमा पानी के समान उक्त सभी ग्रहों को पूरा सहयोग करता है. स्मरणशक्ति, सृजन और लेखन से जोड़ता है. व्यक्ति असीम आस्था से किसी भी रुचिकर क्षेत्र में सफल हो सकता है.
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