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Government Compensation: ओडिशा सरकार ने दी खेतिहर मजदूरों को राहत, मदद के लिए जारी किए इतने करोड़
ओडिशा गवर्नमेंट ने केंदू पत्ता तोड़ने वाले कर्मियों के लिए 43 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं. स्टेट गवर्नमेंट के इस कदम से खेतीहर मजदूर आर्थिक रूप से मजबूत होंगे.
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Government Scheme: यह साल किसानों के लिए खेती के लिहाज से अच्छा नहीं रहा. कभी बारिश, कभी बाढ़ और कभी सूखे ने किसानों को बेहाल कर दिया. अलग अलग राज्यों में किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान किया. खेती-बाढ़ी में नुकसान हुआ तो परेशानी खेती में लगे खेतीहर कर्मियों को भी उठानी पड़ी. ओडिशा गवर्नमेंट खेतिहर मजदूरों की मदद के लिए आगे आई हैं. उन्हें स्टेट गवर्नमेंट की ओर से आर्थिक मदद मुहैया कराई गई है.
ओडिशा गवर्नमेंट ने मजदूरों को दिए 43 करोड़
केंद्र के पत्ते का प्रयोग बीड़ी को लपेटने के लिए किया जाता है. स्टेट में बहुत सारे मजदूर केंदू पत्ता तोड़ने, बांधने का काम करते हैं. इसके अलावा काफी संख्या में मौसमी कर्मचारी भी हैं. स्टेट गवर्नमेंट ने सभी मजदूरों के लिए 43 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद जारी की है. उधर, केंदू के पत्ते के कारोबार पर का अधिक बोझ कारोबारियों पर न पड़े. इसके लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर केंदू के पत्ते के व्यापार पर 18 प्रतिशत जीएसटी वापस लेने का अनुरोध किया है.
पहले चरण में दिए गए थे इतने रुपये
स्टेट गवर्नमेंट समय समय पर मजदूरों की मदद करती रहती है. पहले चरण में केंदू पत्ता तोड़ने वालों को 1000 रुपये और प्रत्येक मौसमी कर्मचारी और पत्ता बांधने वाले को 1500 रुपये दिए थे. अब जो 43 करोड़ रुपये की रकम मजदूरों को दी गई है. उसका प्रबंध विशेष पैकेज के तहत किया गया है.
आचार संहिता हटते ही मिलेगी और मदद
केंद्र के पत्ता का प्रयोग बीड़ी में होता है. इस कारोबार से करीब 8 लाख लोग जुड़े हुए हैं. स्टेट गवर्नमेंट ने 12 जिलों के लोगों की मदद कर दी है. स्टेट में आचार संहिता हटने के बाद बारगढ़ के लोगों को भी यह मदद दी जाएगी.
काफी फसल बर्बाद हो गई
स्टेट में बारिश सही ढंग से न होने के कारण किसानों की काफी फसल बर्बाद हो गई थी. 12 जिलों के 64 ब्लॉकों और 15 शहरी स्थानीय निकायों में बारिश अच्छी नहीं हुई थी. इसकी वजह से करीब 2.63 लाख हेक्टेयर भूमि पर लगी फसल का करीब 33 प्रतिशत बर्बाद हो गया था. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कुछ दिन पहले ही सूखा प्रभावित क्षेत्र के लिए 200 करोड़ रुपये की मदद दी थी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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