Balram App: किसानों के बड़े काम का है ये एप...हर पल मिलेगी कृषि एडवायजरी, विशेषज्ञों से डायरेक्ट कर सकेंगे बातचीत!
Agri Tech: किसानों को डिजिटल खेती से जोड़ने से बलराम एप्लीकेशन लॉन्च किया गया है. टू वे कम्यूनिकेशन फीचर्स वाले इस एप से किसानों को कृषि सलाह और विशेषज्ञों से संपर्क करने की सुविधा दी जाएगी.

Agriculture Technology: कृषि में डिजिटल क्रांति लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में कई मोबाइल एप्लीकेशन भी लॉन्च किए गए हैं, जिनसे किसानों को सही समय पर सही कृषि कार्य के लिए एडवायजरी मिल जाती है. कई एप्स मोबाइल पर ही मौसम से जुड़ी अपडेट्स और विशेषज्ञों द्वारा जारी कृषि सलाह भी दी जाती है. मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक इसी तरह का मोबाइल एप्लीकेशन 'बलराम' लॉन्च किया गया है. टू वे कम्यूनिकेशन फीचर्स वाला ये एप्लीकेशन मध्य प्रदेश के 10 जिलों में लॉन्च किया जा चुका है.
बलराम एप के क्या हैं फीचर्स
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंडो जर्मन तकनीक के कंबाइन प्रोजेक्ट के तहत लॉन्च किए गए बलराम एप्लीकेशन के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय को दी गई है. एक्सपर्ट्स की मानें तो बलराम एप्लीकेशन को मिट्टी की सेहत को बरकरार रखने और कृषि कार्यों में आ रहीं समस्याओं के समाधान के लिए विकसित और लॉन्च किया गया है.
राज्य में पहली बार किसानों अपने फोन पर खेती से जुड़ी एडवायजरी ले पाएंगे. साथ ही अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सीधे कृषि विशेषज्ञों से भी संपर्क कर सकेंगे. इस एप्लीकेशन में किसानों की सुविधा के लिए अंग्रेजी और हिंदी दो भाषाएं हैं.
10 जिलों के किसानों को मिलेगा फायदा
पहले चरण में मध्य प्रदेश के 10 जिलों में बलराम एप्लीकेशन को लॉन्च किया गया है. फिल्हाल खरीफ सीजन के लिए जबलपुर, सागर, शहडोल, सिंगरौली, रीवा, बालाघाट, मंडला, कटनी, छतरपुर और दमोह को शामिल किया गया है.
पहले चरण में प्रदेश के 10 जिलों को किया जाएगा शामिल, टू वे कम्युनिकेशन होगा
— Agriculture Department, MP (@minmpkrishi) April 7, 2023
लाखों किसानों के लिए वरदान बनेगा 'बलराम' एप#JansamparkMP pic.twitter.com/vdxjdHlMnH
इस एप्लीकेशन से किसानों को राज्य, जिला, विकासखंड और ब्लॉक स्तर की कृषि संबंधी जानकारियां दी जाएंगी. पहले चरण में बलराम एप्लीकेशन से 25,000 किसानों को जोड़ा जा रहा है. इस एप के बेहतर संचालन के लिए जबलपुर कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों को भी तकनीकी ट्रेनिग देकर मास्टर ट्रेनर के तौर पर तैयार किया जाएगा.
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Source: IOCL























