पंजाब, यूपी, गुजरात, मराठा..सबको है बुलडोजर भाता?
पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बुलडोजर एक्शन को लेकर चर्चा और विवाद तेजी से उभरा है। यह कार्रवाई अक्सर अवैध निर्माण, अपराधिक गतिविधियों या नशा तस्करी जैसे मामलों में की जाती है। हालांकि, इस तरह की कार्रवाई को लेकर कानूनी और नैतिक सवाल भी उठाए जा रहे हैं। पंजाब में नशे के खिलाफ बुलडोजर एक्शन पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है, जिसमें 3 महीने के भीतर प्रदेश को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान के तहत ड्रग तस्करों और नशे के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, जिसमें बुलडोजर एक्शन भी शामिल है। हालांकि, इस कार्रवाई को लेकर AAP (आम आदमी पार्टी) के भीतर भी मतभेद सामने आए हैं। AAP में मतभेद AAP के सांसद हरभजन सिंह ने बुलडोजर एक्शन का विरोध करते हुए कहा कि घर गिराना गलत है और इसके बजाय विकल्प ढूंढना चाहिए। उनके इस बयान के बाद पार्टी के नेता सोमनाथ भारती ने उन्हें पार्टी लाइन पर चलने की नसीहत दी। बाद में हरभजन सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि उनका पंजाब सरकार और पुलिस को पूरा समर्थन है, लेकिन उनका मानना है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का रुख सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को लेकर स्पष्ट रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति के घर को तोड़ना अपराध की सजा नहीं हो सकती। आरोप या दोषी होने का मतलब यह नहीं है कि उसके घर को तोड़ दिया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि बिना कानूनी प्रक्रिया के कार्रवाई करना गलत है।

























