Maha Dangal: बिहार की तस्वीर बदल देगा NDA? | Nitish Kumar | PM Modi | Romana Isar Khan | RJD
Hindi News: बिहार में एक बार फिर एनडीए सरकार के गठन की तैयारी चल रही है, दिल्ली से पटना तक बैठकों का दौर चल रहा है, एक दो दिन में विधायक दल की बैठक होगी, नेता का चुनाव होगा । 22 नवंबर तक मौजूदा सरकार का कार्यकाल है इसलिए उससे पहले सरकार का गठन हो जाएगा। दिलचस्प ये है कि चुनाव के बाद भी बीजेपी के नेता सीएम वाला सस्पेंस बना कर रखे हुए हैं, हालांकि सहयोगी पार्टियों के नेता लगातार ये कह रहे हैं कि फिर एक बार नीतीश कुमार ही सीएम बनेंगे...एक तरफ एनडीए के खेमे में जश्न का माहौल है दूसरी तरफ विपक्ष के खेमे में मायूसी है, हार के साइड इफेक्ट दिखने शुरू हो गए हैं। लालू परिवार में फूट पड़ गई है। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने तेजस्वी के करीबी लोगों उनके सलाहकारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, रोहिणी ने अपमान का आरोप लगाते हुए पार्टी और परिवार से नाता तोड़ने का एलान किया है..बिहार में कांग्रेस पार्टी की भी बहुत बुरी हार हुई है, हार के बाद राहुल गांधी और पार्टी के बड़े नेता चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं वहीं कई नेता ऐसे भी हैं जो कह रहे हैं कि आत्ममंथन करने की जरूरत है। कुछ नेता पार्टी के फैसले पर भी सवाल उठा रहे हैं...चुनाव मैदान में एक दूसरे पर लगे आरोप-प्रत्यारोप का दौर तो आगे भी चलता रहेगा लेकिन सच ये है कि 59 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों की जीत का अंतर 3आज हम समझने की कोशिश करेंगे कि बिहार का ये जनादेश क्या संदेश लेकर आया है, क्योंकि अगले साल पांच राज्यों में फिर विधानसभा चुनाव होने हैं। क्या संदेश ये है कि रेवड़ी वाली राजनीति कामयाबी का फॉर्मूला बन चुकी है, क्या महिला वोटरों पर जो बड़ा दांव लगाएगा वो चुनाव जीत जाएगा, सवाल ये भी है कि जिस तरह से एनडीए की जीत हुई क्या बिहार में जाति की दीवार टूट गई, क्या बिहार के नतीजे ने भी इसको भी साबित कर दिया है कि ज्यादा वोटिंग का मतलब जरूरी नहीं कि सरकार बदल जाए, इन्हीं सवालों पर चर्चा करेंगे लेकिन सबसे पहले आप चुनाव नतीजों पर ये बयानबाजी सुन लीजिए
























