पहले जनगणना...फिर परिसीमन कब तक रहेगी उलझन ?
राजनीति में कब कौन सा दांव कहां चलना है यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतर कोई और नहीं जानता. नए संसद भवन में पहले विधेयक के रूप में महिलाओं के लिए पहला कदम उठा कर मोदी ने पूरे विपक्ष को फिर से चौंका दिया है. वर्षों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को कई बार पास कराने के प्रयास हो चुके थे लेकिन आखिरकार विपक्ष के संयुक्त प्रयास से यह विधेयक पारित हो गया और इतिहास बन गया. चुनावी साल में विपक्ष इस विधेयक पर अपनी आपत्ति जताएगा इसकी उम्मीद भी कम ही थी. हालांकि, विपक्ष में मौजूद कांग्रेस यह आरोप लगा रही है कि यह उनके द्वारा लाया गया बिल था. मोदी सरकार भी इस बिल को पास कराने को लेकर प्रतिबद्ध दिख रही थी. भाजपा के पास वर्तमान में किसी भी बिल को पास कराने के लिए पर्याप्त बहुमत भी है और इस बिल के पास होने के साथ ही यह भाजपा का मास्टरस्ट्रोक साबित होगा, जिससे देश की आधी आबादी को साधा जा सकेगा और उसके सहारे वह फिर से 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपना परचम लहरा कर सत्ता पर काबिज होगी.
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