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टीचर्स डे स्पेशल: दोनों हाथ कटे हैं, फिर भी बेमिसाल है प्रयागराज का यह अनूठा शिक्षक
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नारायण यादव जितने अच्छे शिक्षक हैं, उतने ही सच्चे समाजसेवी भी हैं. वह दिव्यांगों के लिए काफी काम करते हैं. वह अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर हर साल सौ दिव्यांगों का सामूहिक विवाह भी कराते हैं. उनकी उम्र अभी महज़ अड़तीस साल है. उन्हें अभी लंबा सफर तय करना है, लेकिन उनके हौसले और जज़्बे को देखकर कहा जा सकता है कि अपनी विकलांगता को मीलों पीछे छोड़कर आज वह हजारों लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं.
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दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद वह न सिर्फ आम शिक्षकों की तरह बच्चों को पढ़ा रहे हैं, बल्कि मानसिक रूप से कमज़ोर उन बच्चों में भी शिक्षा की अलख जगा रहे हैं जो आर्थिक रूप से बेहद कमज़ोर होते हैं. ये अनूठे टीचर दूसरे शिक्षकों की तरह तेजी से ब्लैकबोर्ड पर लिखते हैं. बच्चों की कापियां जांचते हैं. संगीत के वाद्य यंत्रों को बजाकर अपने स्टूडेंट्स का मनोरंजन करते हैं तो साथ ही उनके बीच वालीबाल जैसे आउटडोर गेम्स खेलकर उन्हें फिट रहने का भी संदेश देते हैं.
Published at : 05 Sep 2019 11:26 AM (IST)
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