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UPPSC भर्ती घोटाला : सीबीआई ने दर्ज की पहली FIR,कई अफसरों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
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कमीशन के पिछले चेयरमैन अनिल यादव के कार्यकाल में भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे. हाईकोर्ट ने अनिल यादव की नियुक्ति को अवैध मानते हुए उन्हें बर्खास्त करने का आदेश दिया था. भर्तियों में कथित तौर पर गड़बड़ी के मुद्दे को उठाकर सीबीआई जांच के लिए सालों संघर्ष करने वाले प्रतियोगी छात्रों को उम्मीद है कि अब उन्हें इंसाफ मिल सकेगा.
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कमीशन के खिलाफ यह एफआईआर कमीशन मामले की जांच टीम के मुखिया और सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट के एसपी आईपीएस अफसर राजीव रंजन द्वारा दर्ज कराई गई है. एफआईआर खासकर साल 2015 के पीसीएस इम्तहान को लेकर दाखिल कराई गई है. एफआईआर में पीसीएस के इम्तहान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों व हेराफेरी के आरोप हैं. सीबीआई को शुरुआती जांच में माडरेशन के नाम पर भी मनमाने तरीके से नंबर बढ़ाकर चहेतों को फायदा पहुंचाने के सबूत मिले हैं.
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गिरफ्तारी की तलवार पूर्व चेयरमैन अनिल यादव व रिटायर्ड हो चुके सदस्यों पर भी लटक रही है. एफआईआर दर्ज करने से पहले सीबीआई ने तकरीबन तीन महीने तक छानबीन की थी. छानबीन में गड़बड़ी व हेराफेरी के सबूत मिलने के बाद सीबीआई ने अब एफआईआर दर्ज कर इस मामले की विधिवत जांच करने का फैसला किया है. सीबीआई जांच का आदेश रद्द किए जाने की मांग को लेकर कमीशन द्वारा दाखिल अर्जी जहां इलाहाबाद हाईकोर्ट से पहले ही खारिज हो चुकी है, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी फौरी राहत देने से मना कर दिया है.
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गौरतलब है कि यूपी की योगी सरकार ने प्रतियोगी छात्रों से किए गए अपने चुनावी वायदे को पूरा करते हुए केंद्र सरकार से यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन में अखिलेश यादव के पांच साल के कार्यकाल में हुई भर्तियों की जांच सीबीआई से कराए जाने की सिफारिश पिछले साल ही की थी. योगी सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था. हालांकि आयोग ने सीबीआई जांच के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने जांच पर रोक लगाने से इंकार करते हुए आयोग की अर्जी को खारिज कर दिया था.
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इलाहाबाद : अखिलेश यादव राज में यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन में हुई भर्तियों में गड़बड़ी के सबूत मिलने के बाद जांच एजेंसी सीबीआई ने शनिवार को पहली एफआईआर दर्ज कर ली. यह एफआईआर यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन के अज्ञात कर्मचारियों और कुछ अज्ञात बाहरी लोगों के खिलाफ आईपीसी और दूसरे एक्ट की गंभीर धाराओं में दर्ज की गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि सीबीआई अब जल्द ही अपनी शुरुआती जांच के आधार पर इस मामले में गिरफ्तारियां भी शुरू करेगी.
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सीबीआई ने इसी साल 31 जनवरी को इलाहाबाद में कैम्प आफिस खोलकर अपनी शुरुआती जांच शुरू की थी. कयास लगाए जा रहे हैं कि सीबीआई जल्द ही कुछ और एफआईआर भी दर्ज कर सकती है. सीबीआई ने अप्रैल महीने में पचीस से ज़्यादा सलेक्ट हुए पीसीएस अफसरों से भी पूछताछ की थी. इसके अलावा प्रतियोगी छात्रों व अन्य लोगों से सीधे शिकायत दर्ज कराने को भी कहा गया था.
Published at : 06 May 2018 08:07 AM (IST)
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Source: IOCL























