लेट फीस के साथ 31 दिसंबर तक भर सकते हैं ITR, अब तक नहीं भरा तो जान लीजिए तरीका
अगर आपकी सालाना आय 5 लाख से कम है और आप अब बिलेटेड आईटीआर फाइल करते हैं तो 1000 की लेट फीस देनी होगी. वहीं 5 लाख रुपये या उससे ज्यादा आय वालों को 5000 तक की लेट फीस चुकानी पड़ेगी.

वित्त वर्ष 2024-25 का इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों के लिए समय बहुत अब बहुत कम बचा है. जिन टैक्सपेयर्स ने तय तारीख तक रिटर्न फाइल नहीं किया था, उनके पास 31 दिसंबर तक का आखिरी मौका है. इस तारीख के बाद न तो बिलेटेड आईटीआर फाइल हो पाएगा और न ही किसी तरह का रिफंड क्लेम किया जा सकेगा. ऐसे में देरी करने वालों को जुर्माने के साथ कानूनी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है. चलिए अब आपको बताते हैं कि लेट फीस के साथ आप 31 दिसंबर तक आईटीआर कैसे भर सकते हैं.
कितनी देनी होगी लेट फीस?
अगर आपकी सालाना आय 5 लाख से कम है और आप अब बिलेटेड आईटीआर फाइल करते हैं तो 1000 की लेट फीस देनी होगी. वहीं 5 लाख रुपये या उससे ज्यादा आय वालों को 5000 तक की लेट फीस चुकानी पड़ेगी. बिना लेट फीस के रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 16 सितंबर थी. वहीं अगर 31 दिसंबर के बाद आईटीआर फाइल नहीं किया गया तो आपका रिफंड का हक खत्म हो जाएगा, चाहे रिफंड की राशि कितनी भी क्यों ना हो. इसके अलावा आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है और ब्याज व जुर्माने का बोझ भी बढ़ सकता है. वहीं बार-बार देरी करने से टैक्स रिकॉर्ड पर भी असर पड़ता है, जिसका प्रभाव फ्यूचर में लोन, वीजा और फाइनेंशियल कामों पर दिख सकता है.
बिलेटेड आईटीआर फाइल करने का प्रोसेस
- बिलेटेड आईटीआर फाइल करने के लिए सबसे पहले इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाएं.
- इसके बाद अपने पैन नंबर और आधार नंबर के जरिए लॉगिन करें.
- अब फाइल ऑप्शन पर जाए और इनकम टैक्स रिटर्न वाले ऑप्शन को सिलेक्ट करें.
- इसके बाद असेसमेंट ईयर सिलेक्ट करें. फिर ऑनलाइन फाइलिंग पर क्लिक करें.
- अब अपनी कैटेगरी सिलेक्ट करें और साथ में आईटीआई फॉर्म भी सिलेक्ट करें.
- आईटीआई फॉर्म सेलेक्ट करने के बाद अपनी पर्सनल डिटेल को वेरीफाई करें. वहीं Filing Section में 139(4) पर सिलेक्ट करें.
- अब अपनी इनकम डिटेल्स, डिडक्शन को ध्यान से भरें, फिर सबमिट बटन पर क्लिक करें.
- इसके बाद इसे अपनी ईमेल आईडी और ओटीपी से वेरीफाई करें.
रिवाइज्ड और बिलेटेड आईटीआर में फर्क
कई लोगों को रिवाइज और भी बिलेटेड आईटीआर में भी फर्क ध्यान नहीं होता है, जिसकी वजह से लोग अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं. दरअसल अगर आपने समय पर आईटीआर फाइल किया था, लेकिन बाद में गलती का पता चला तो रिवाइज्ड आइटीआर फाइल किया जा सकता है. इस पर कोई लेट फीस नहीं लगती है. वहीं तय तारीख के बाद पहली बार रिटर्न भरने वालों को भी बिलेटेड आईटीआर फाइल करना पड़ता है. जिस पर लेट फीस और कुछ टैक्स फायदे खत्म हो जाते हैं.
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