क्या हाथरस जैसी बड़ी आपदा में अवसर तलाश रहीं हैं मायावती
ऐसा लगता है कि अपनी सियासी ज़मीन खो चुकीं मायावती को हाथरस जैसी आपदा में बड़ा अवसर दिख रहा है. तभी तो जो बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं बोल सके, जो बात सपा मुखिया अखिलेश यादव नहीं कह सके, हाथरस जाकर भी जिस बात को कहने से खुद राहुल गांधी बचते रहे, उस बात को खुलेआम मायावती ने अपने सोशल मीडिया के जरिए कह दिया है. और इसने एक नई बहस छेड़ दी है कि क्या मुख्यधारा की जो तमाम पार्टियां बाबा भोले को बचाने में लगीं हैं, उनसे इतर मायावती की नज़र उस बाबा भोले के वोट बैंक पर है, जिसकी गिरफ्तारी से मायावती को सियासी फायदा हो सकता है. आखिर क्या हैं मायावती के बयान के मायने और आखिर क्यों मीडिया के सामने बयान दे रहा बाबा भोले पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पा रहा है, बता रहे हैं अविनाश राय.


























