योगी सरकार ने आयुष विभाग में भर्तियों का किया ऐलान, युवाओं को मिलेगा बड़ा मौका
योगी सरकार की यह पहल उस समय आई है जब देशभर में लोग एलोपैथिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुष पद्धतियों को भी अपनाने लगे हैं.

उत्तर प्रदेश के युवाओं को एक बड़ी खुशखबरी मिली है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश में आयुष चिकित्सा सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर भर्तियों का ऐलान किया है. सरकार ने आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े कुल 4,350 रिक्त पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री योगी के स्पष्ट निर्देश के बाद यह भर्ती अभियान तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने हाल ही में आयुष विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया कि प्रदेश की पारंपरिक चिकित्सा सेवाओं को मज़बूती देने के लिए ज़रूरी है कि सभी पद भरे जाएं. इसी क्रम में प्रोफेसर, लेक्चरर, चिकित्साधिकारी, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, मैट्रन, रीडर, उप निदेशक, औषधि नियंत्रक जैसे कई अहम पदों पर भर्तियां की जाएंगी.
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1,164 पदों पर डॉक्टर और स्टाफ की ज़रूरत
आयुष विभाग के प्रमुख सचिव रंजन कुमार के अनुसार, इस वक्त आयुर्वेद विभाग में 7,233 स्वीकृत पदों में से 3,025 पद खाली हैं. यूनानी चिकित्सा सेवाओं में 161 पद खाली हैं और होम्योपैथिक चिकित्सा विभाग में 1,164 पदों पर डॉक्टर और स्टाफ की ज़रूरत है. इन रिक्त पदों को प्रोन्नति, सीधी भर्ती और अन्य सरकारी प्रक्रिया से भरा जाएगा. कई पदों के लिए अधियाचन भी भेज दिया गया है.
मुख्यमंत्री योगी का सपना है कि आयुष चिकित्सा पद्धतियां प्रदेश के हर गांव, हर कस्बे तक पहुंचे. इसके लिए न केवल डॉक्टरों और नर्सों की तैनाती ज़रूरी है, बल्कि नई तकनीकों का उपयोग और बुनियादी ढांचे को मज़बूत करना भी उतना ही आवश्यक है. पिछले कुछ वर्षों में योगी सरकार ने कई आयुष कॉलेज खोले हैं, पुराने अस्पतालों को सुधारा गया है और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की गई हैं.
सरकार का मानना है कि इन भर्तियों से एक ओर जहां युवाओं को सरकारी नौकरी का मौका मिलेगा, वहीं दूसरी ओर गांव-देहात के लोगों को आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथिक जैसी सस्ती और असरदार चिकित्सा सेवाएं भी आसानी से उपलब्ध होंगी. यह कदम न केवल प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूती देगा, बल्कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को भी नया जीवन देगा.
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