कौन थे राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जो रामलला को गोद में लेकर भागे थे
आचार्य सत्येंद्र दास का निधन 87 साल की उम्र में हुआ है. वह बाबरी विध्वंस से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा तक सभी पलों के साक्षी रहे हैं. उन्होंने राम जन्मभूमि परिसर में रामलला की करीब 34 सालों से सेवा की.

Acharya Satyendra Das: अयोध्या स्थित राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का बुधवार, 12 फरवरी की सुबह निधन हो गया है. बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत ज्यादा खराब थी. इसके बाद उन्हें पहले अयोध्या के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जब वहां हालत और नाजुक हो गई तो लखनऊ रेफर किया गया था. लेकिन मंगलवार की सुबह उनका निधन हो गया. वह बीते 34 सालों के राम मंदिर में अपनी सेवा दे रहे थे.
आचार्य सत्येंद्र दास का निधन 87 साल की उम्र में हुआ है. वह बाबरी विध्वंस से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा तक सभी पलों के साक्षी रहे हैं. उन्होंने राम जन्मभूमि परिसर में रामलला की करीब 34 सालों से सेवा की. जानकारों की मानें तो वह मार्च 1992 से ही यह पूजा-अर्चना कर रहे हैं. वह अस्थायी मंदिर में करीब 4 सालों तक रामलला की सेवा करते रहे.
रामलला को गोद में लेकर भागे थे आचार्य
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से ही वह मुख्य पुजारी की भूमिका में थे. उन्होंने साल 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री ली थी. इसके बाद साल 1976 में उन्हें अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में सहायक शिक्षक की नौकरी मिली थी. वहीं साल 1992 में राम जन्मभूमि के तत्कालीन रिसीवर ने पुजारी के तौर पर नियुक्ति दी गई थी. 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के दिन वह राम लला को गोद में लेकर भागे थे. तब से लेकर आज तक वह राम लला की सेवा कर रहे थे.
Acharya Satyendra Das Death: राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन
हालांकि उस वक्त वह केवल 100 रुपए वेतन पर थे. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनका इस वक्त वेतन 38,500 रुपए था.
उनका जन्म साल 1945 उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर में हुआ था. लेकिन उन्होंने आजीवन रामलला की सेवा में खुद को समर्पित रखा. बता दें कि बीते दिनों ब्रेन हेमरेज के बाद उन्हें अस्पातल में भर्ती किया गया था.
Source: IOCL





















