Uttarkashi Tunnel Rescue: सुरंग से निकलने के बाद ऋषिकेश एम्स लाए जाएंगे मजदूर, डॉक्टर्स की चार टीमें तैयार
Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तरकाशी के सिलक्यारा से मजदूरों को एम्स पहुंचाने की स्थिति में मजदूरों को एम्स में बने हेलीपैड से सीधे अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर इमरजेंसी में ले जाया जायेगा.
Uttarkashi Tunnel Rescue News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को जरूरत पड़ने पर एम्स ऋषिकेश लाया जाएगा. उनके के इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश पूरी तरह तैयार है और यहां डॉक्टरों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन ने मजदूरों के बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों की 4 टीमें गठित की हैं ताकि इलाज में कोई कोताही न बरती जाए.
उत्तरकाशी के सिलक्यारा से मजदूरों को एम्स पहुंचाने की स्थिति में मजदूरों को एम्स में बने हेलीपैड से सीधे अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर इमरजेंसी में ले जाया जायेगा. इस बारे में जानकारी देते हुए एम्स अस्पताल प्रशासन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नरेंद्र कुमार ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर के डिजास्टर वार्ड सहित अस्पताल के अन्य एरिया में सभी श्रमिकों के लिए एम्स में 41 बेड आरक्षित रहे गए है. आपात स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों की 4 टीमें गठित कर उन्हें अलर्ट मोड पर रखा गया है.
इन टीमों में ट्रॉमा सर्जन, एनेस्थेसिया, मनोरोग और जनरल मेडिसिन विभाग के चिकित्सक शामिल हैं. संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं. डॉ नरेंद्र ने बताया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो उत्तरकाशी भेजे जाने के लिए भी डॉक्टर्स और नर्सिंग अधिकारियों की एक टीम तैयार रखी गई है. एम्स ऋषिकेश में 3 हेलीकॉप्टर उतरने लायक बना हुआ हेलीपेड है, संभवता जरूरत पड़ने पर इन मजदूरों को एम्स लाया जा सकता है. इसके लिए एम्स के डॉक्टर लगातार सरकार के संपर्क में हैं. उम्मीद जताई जा रही है की आज रात तक इन मजदूरों को टनल से बाहर निकाल लिया जाएगा और मात्र कुछ मीटर की खुदाई और बाकी है. जिसके बाद ये मजदूर बाहर आ सकते हैं.
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया और इस दौरान उन्होंने टनल में चल रहे राहत और बचाव कार्यों के संबंध में जानकारी ली. सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि तीव्र गति और पूरी सावधानी के साथ अंतिम चरण के रेस्क्यू ऑपरेशन को संचालित किया जाए.