हरिद्वार में कब्जे का खेल जारी, धर्म की आड़ में सरकारी जमीन पर बनी कई अवैध मजारें
Haridwar News: उत्तराखंड के हरिद्वार में सरकारी जमीन पर कई अवैध मजारों की खबर सामने आ रही है जिसे लेकर अब राजनीति तेज हो गई है. धर्म की आड़ में जमीन कब्जाने का खेल चल रहा है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ कहा था कि उत्तराखंड की पवित्र मिट्टी पर जमीन जिहाद नहीं होने देंगे. आदेश हुआ था कि सरकारी जमीन पर बनी हर अवैध मज़ार को ध्वस्त किया जाए लेकिन हमारी पड़ताल में सामने आई तस्वीरें चौकाने वाली हैं.
धर्मनगरी हरिद्वार में सरकारी विभागों की जमीनों पर धड़ल्ले से अवैध मज़ारें बनी हैं कभी सिंचाई विभाग की जमीन पर तो कभी राजाजी नेशनल पार्क के बीचोबीच यहां तक कि टिहरी बांध पुनर्वास की 10 बीघा सरकारी भूमि तक पर पक्की दरगाह खड़ी कर दी गई है. सवाल है प्रशासन सो क्यों रहा है? और ये कब्जे किसके इशारे पर हो रहे हैं?
सवालों में घिरा हरिद्वार
हरिद्वार की वो तस्वीरें जिनको देखकर आस्था का शहर सवालों में घिर गया है. सिंचाई विभाग की जमीन पर मज़ारें खड़ी हैं भेल की जमीन पर कब्जा किया गया है,और राजाजी नेशनल पार्क जैसे संरक्षित क्षेत्र में 5 बीघा तक जमीन घेरकर दरगाह खड़ी कर दी गई है.
इतना ही नहीं टिहरी पुनर्वास की जमीन, जिस पर विस्थापितों का हक होना चाहिए था वहां भी पक्की दरगाह बन चुकी है. ये तस्वीरें साफ बताती हैं कि लैंड जिहाद सिर्फ नारा नहीं बल्कि जमीनी हकीकत है.
यूपी सरकार के मंत्री ने कहा- कब्जा बर्दाश्त नहीं करेंगे
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री धर्म पाल सिंह ने कहा कि धर्म की आड़ में अवैध कब्जे कतई बर्दाश्त नहीं होंगे जैसे यूपी में मजारें और अवैध ढांचे तोड़े गए वैसे ही हर यूपी सरकार की जो भूमि उत्तराखंड में है और उन अवैध मजार बना कर कब्जे किए गए है उनको जल्द ही हटाया जाएगा.
वहीं राजाजी नेशनल पार्क की कहानी भी चौंकाने वाली है. यहां पांच बीघा से ज्यादा जमीन पर कब्जा कर लिया गया नोटिस तक जारी हुआ लेकिन कार्रवाई वहीं की वहीं अटकी रह गई. कोर्ट में मामला चला फैसला वन विभाग के हक में आया लेकिन फिर भी बुलडोजर नहीं चला.
वन क्षेत्र अधिकारी ने क्या बताया?
वन क्षेत्र अधिकारी विजेंद्र दत्त तिवारी ने बताया कि कोर्ट से हमारे पक्ष में फैसला आ गया था उसके बाद कब्जाधारियों ने कोर्ट में पुनः अपील की थी जिसके बाद कोर्ट ने सर्व करने के लिए कहा था विभाग द्वारा जिला प्रशासन और नगर निगम को सर्व करने के लिए पत्र लिखा गया है सर्व के बाद प्रशासन और नगर निगम के साथ मिलकर अवैध ढांचे हटाए जाएंगे.
हरिद्वार के सुमन नगर की तस्वीर तो और भी चौंकाने वाली है. यहां टिहरी बांध परियोजना की करीब 10 बीघा सरकारी भूमि पर पक्की सीमेंटेड दरगाह बना दी गई. जिलाधिकारी खुद मानते हैं कि यह कब्जा है जांच के आदेश भी दिए गए लेकिन अब तक फाइलें ही घूम रही हैं.
साध्वी प्राची ने सीएम धामी को सौंपी अवैध मजारों की लिस्ट
इन कब्जों को लेकर हिंदू संगठनों का गुस्सा उबाल पर है. साध्वी प्राची ने साफ कहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर हरिद्वार में बनी अवैध मज़ारों की पूरी लिस्ट सौंप दी जाएगी. उनका कहना है कि देवभूमि में लैंड जिहाद को किसी कीमत पर पनपने नहीं दिया जाएगा. प्राची ने कहा कि देवभूमि की पवित्र मिट्टी पर अवैध मज़ारें नहीं चलेंगी इन्हें हटाना ही होगा.
हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद महाराज ने तो इसे और बड़ा खतरा बताया है. उनका कहना है कि अगर ये कब्जे नहीं रोके गए तो आने वाले सालों में उत्तराखंड का स्वरूप ही बदल जाएगा.
स्वामी प्रबोधानंद ने कह दी ये बड़ी बात
स्वामी प्रबोधानंद ने साफ कहा कि यही वजह है कि उत्तराखंड में आपदाओं का संकट भी बढ़ रहा है.उत्तराखंड में लैंड जिहादियों ने जमीन पर कब्जा कर लिया है अगर अभी नहीं रुके तो पूरा स्वरूप बदल जाएगा.
तो सवाल यही है क्या देवभूमि उत्तराखंड को आस्था की नगरी बनाए रखने के लिए प्रशासन जागेगा? या फिर अवैध मजारों के कब्जे के आगे सरकारी तंत्र घुटने टेकता रहेगा ये पड़ताल* सरकार और प्रशासन दोनों के लिए चेतावनी है कि आस्था की धरती को कब्जे की राजनीति से बचाना होगा.
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