कार्बेट टाइगर पार्क अवैध निर्माण केस में धामी सरकार का बड़ा फैसला, लंबित अभियोजन की दी अनुमति
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क में अवैध निर्माण और पेड़ कटान के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले में लंबित अभियोजन की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही धोखाधड़ी मामले पर भी एक्शन लिया है.

उत्तराखंड में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो में अवैध निर्माण और पेड़ कटान मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंबित अभियोजन की अनुमति दी है. मुख्यमंत्री ने सीबीआई द्वारा अभियोजन चलाए जाने की अनुमति पर निर्णय लेते हुए इसकी अनुमति दे दी है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में अनियमितताओं से संबंधित प्रकरण में सेवानिवृत्त अधिकारी अखिलेश तिवारी और कृष्ण चंद के खिलाफ जांच रिपोर्ट में उल्लेखित बिंदुओं के आधार पर अभियोजन चलाए जाने की अनुमति दे दी है.
बता दें कि इस मामले में अप्रैल के महीने में सीबीआई ने शासन से अनुमति मांगी थी. हालांकि नियम के अनुसार 120 दिन के भीतर शासन को अनुमति देनी होती है, मगर इस दौरान अनुमति नहीं मिलती है तो सीबीआई स्वतः अनुमति मांगती है. वैसे, शासन के पास अभी अनुमति देने को लेकर एक महीने का वक्त था, जिसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले में सीबीआई को अभियोजन चलाए जाने की अनुमति दे दी है.
ये है पूरा मामला
यह मामला 2019 का है. बीजेपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत सरकार में साल 2019 में कॉर्बेट नेशनल पार्क की पार्क रोड रेंज में टाइगर सफारी का निर्माण होना था. सफारी निर्माण के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय एवं जलवायु पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मांगी थी. इसके बाद पार्क की 106 एकड़ वन भूमि पर टाइगर सफारी का काम शुरू किया गया.
पार्क निर्माण के लिए काटे गए अंधाधुंध पेड़
उत्तराखंड सरकार की ओर से कहा गया कि इस प्रोजेक्ट के लिए केवल 163 पेड़ काटे जाएंगे, लेकिन बाद में हुई जांच में पता चला कि इस दौरान बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए. विस्तृत जांच के बाद सामने आया था कि 163 की जगह 6903 पेड़ काट दिए गए. इसके बाद इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था.
सीबीआई केस दर्ज कर करेगी कार्रवाई
वहीं तत्कालीन कॉर्बेट नेशनल पार्क के डायरेक्टर राहुल ने समय-समय पर इस विषय में पत्र लिखकर वन मुख्यालय को सूचित भी किया था. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी कार्रवाई कर चुका है. फिलहाल अब राज्य सरकार की तरफ से अनुमति मिलने के बाद अब इस मामले में सीबीआई मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करेगी.
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