UP नगरीय निकाय ने देश के लिए पेश की मिसाल, योगी सरकार की इस पहल की हर ओर तारीफ
UP News: उत्तर प्रदेश में अब जनता की शिकायतों के समाधान के लिए सरकार ने आईजीआरएस पोर्टल और डीसीसीसी जैसे तंत्रों को सहारा ले रही है. इसके जरिए अबतक 2.15 लाख से ज्यादा समस्या का समाधान हुआ है.

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नगरीय निकायों में जनता की शिकायतों के समाधान के लिए ऐसा सिस्टम खड़ा किया है, जो अब बाकी राज्यों के लिए भी मिसाल बनता जा रहा है. लोगों को अब बार-बार अफसरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते. एक क्लिक पर शिकायत दर्ज हो जाती है और तय समय में उसका समाधान भी हो रहा है. यही वजह है कि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) के जरिए दर्ज की गई 92 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है.
नगर विकास विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में सफाई, जल आपूर्ति, सड़क मरम्मत, स्ट्रीट लाइट और कूड़ा निस्तारण जैसी समस्याएं सबसे ज्यादा आती हैं. अब ये समस्याएं आईजीआरएस पोर्टल, जनसुनवाई और डेडिकेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (डीसीसीसी) जैसे तंत्रों के जरिए तेजी से हल हो रही है.
आईजीआरएस पोर्टल से शिकायत करना हुई आसान
आईजीआरएस पोर्टल पर कोई भी नागरिक मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. शिकायत दर्ज करने के बाद उसकी स्थिति भी ऑनलाइन देखी जा सकती है. इसका फायदा यह हुआ है कि अब नागरिकों को यह जानने के लिए किसी दफ्तर नहीं जाना पड़ता कि उनकी शिकायत पर क्या कार्रवाई हो रही है.
जो लोग तकनीक से दूर हैं, उनके लिए सरकार ने जन सुनवाई कार्यक्रम की व्यवस्था की है. यहां आम नागरिक अपनी समस्या सीधे अधिकारी के सामने रखता है. अब तक प्रदेश भर में 33,555 शिकायतों का निस्तारण जनसुनवाई के माध्यम से किया जा चुका है. इस व्यवस्था ने आम जनता और प्रशासन के बीच संवाद को मजबूत किया है.
प्रदेश में 2.15 लाख समस्याओं का समाधान
नगरीय निकायों में चल रही योजनाओं और जनता की शिकायतों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए डीसीसीसी यानी डेडिकेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना भी की गई है. इस केंद्र के जरिए अब तक 2.15 लाख समस्याओं का समाधान किया जा चुका है. इसमें आधुनिक तकनीक के जरिए हर शिकायत पर नजर रखी जाती है और संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए जाते हैं.
सरकार ने शिकायतों की पारदर्शी मॉनिटरिंग के लिए प्रभागवार निगरानी व्यवस्था भी लागू की है. हर दिन नगर विकास विभाग के अफसर अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर समस्याओं की समीक्षा करते हैं और जल्द समाधान सुनिश्चित करते हैं.
जनता से जुड़ाव और जवाबदेही बढ़ी
इस व्यवस्था से न सिर्फ आम जनता को राहत मिली है, बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही भी तय हुई है. पहले जहां एक शिकायत महीनों तक लंबित रहती थी, अब वह कुछ ही दिनों में सुलझ रही है. योगी सरकार का दावा है कि यह मॉडल ‘सबका साथ, सबका विकास’ के संकल्प को जमीनी हकीकत में बदलने की दिशा में बड़ा कदम है.
उत्तर प्रदेश में कुल 762 नगरीय निकाय हैं, जिनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिकाएं और 545 नगर पंचायतें शामिल हैं. इन निकायों में करोड़ों की आबादी रहती है, जिनकी बुनियादी सुविधाओं का जिम्मा इन्हीं निकायों पर होता है. योगी सरकार ने 2017 से अब तक नगरीय सेवाओं में व्यापक सुधार की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं, जिनमें डिजिटल समाधान और जवाबदेही बढ़ाना प्रमुख हैं.
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Source: IOCL
























