Sambhal News: संभल शाही जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली जेल से रिहा, लोगों से की ये अपील
Sambhal Violance: मुरादाबाद जेल से रिहा होने के बाद परिजन और उनके समर्थनों ने आतिशबाजी और फूल मालाओं से स्वागत किया। जफर अली को कोतवाली संभल में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 335/24 में जेल भेजा गया था।

संभल में शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा में बड़ी संख्या में इकट्ठे हुए लोगों में से हिंसा में चार लोगों की हुई थी मौत. उग्र भीड़ ने कई गाड़ियां भी फूंक दी इस मामले में तीन महिला और जफर अली सहित कुल 96 अभियुक्तों को जेल भेजा गया था.
शाही जामा मस्जिद हिंसा मामले में 131 दिन जेल में बिताने के बाद शाही जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट मुरादाबाद जेल से रिहा हो गए हैं. जेल से बाहर आते ही उनका जोरदार स्वागत किया गया. परिजनों और समर्थकों ने फूल मालाएं पहनाईं, ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ उनका स्वागत किया गया.
रिहाई पर क्या बोले जफर अली एडवोकेट
रिहाई के बाद जफर अली ने कहा, 'अल्लाह के फजल से और आप सबकी दुआओं से मैं जेल से छूटकर वापस आ गया हूं. अब अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे, मजबूती से लड़ेंगे.' उन्होंने जनता से अपील की और कहा कि अमन और शांति बनाए रखें और कोई ऐसा बयान न दें जिससे किसी को ठेस पहुंचे या माहौल खराब हो.
गौरतलब है कि संभल की कोतवाली थाना क्षेत्र में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 335/24 के तहत जफर अली को जेल भेजा गया था. मामला शाही जामा मस्जिद में किए गए सर्वे और इसके बाद हुई हिंसा से जुड़ा है.
चार लोगों की हुई थी मौत
हिंसा के दौरान बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे, और हालात बेकाबू हो गए थे. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई वाहन जलाए गए थे. घटना के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जफर अली सहित 96 लोगों को नामजद कर जेल भेजा था, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं.
जफर अली की गिरफ्तारी और लंबी जेल यात्रा को लेकर स्थानीय स्तर पर विरोध और समर्थन दोनों ही देखने को मिला. उनकी रिहाई को लेकर उनके समर्थक लगातार प्रयासरत थे. अब जफर अली की रिहाई के बाद एक बार फिर मामला चर्चा में है. वे आगे कानूनी तरीके से अपना पक्ष रखेंगे और उन्होंने सभी से अपील की है कि कानून पर भरोसा रखें और किसी तरह की अफवाह या भड़काऊ बयानबाजी से बचें.
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