Prayagraj News: प्रयागराज में तेजी से बढ़ रहा है गंगा-यमुना का जलस्तर, आम लोगों को जीना हुआ दुश्वार
Prayagraj News: यूपी के प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है जिससे आमजनजीवन बुरी तरह प्रभावित है.

संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. बढ़ते जलस्तर ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. पानी अब रिहायशी इलाकों तक पहुंच चुका है, जिससे लोगों को अपने मकान खाली कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ रहा है.
प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके. गंगा-यमुना में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
खतरे के निशान को पार करने की आशंका
जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि अगले कुछ घंटों में गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर जाएंगी. जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है.
आज सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 84.39 मीटर, छतनाग में 83.56 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 84.09 मीटर दर्ज किया गया. बीते 24 घंटों में गंगा के जलस्तर में 97 सेंटीमीटर और यमुना के जलस्तर में 27 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
सड़क पर हो रहा अंतिम संस्कार
बढ़ते जलस्तर का सबसे बड़ा असर अंतिम संस्कार स्थलों पर देखा जा रहा है. दारागंज घाट पूरी तरह से गंगा-यमुना के पानी में समा चुका है. इसके चलते यहां अंतिम संस्कार करना संभव नहीं रह गया है.
मजबूरन परिजन अब शवों का अंतिम संस्कार सड़कों पर कर रहे हैं. दूर-दराज से आने वाले लोग, जो परंपरागत रूप से दारागंज घाट पर अंतिम संस्कार करना चाहते थे, उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
रसूलाबाद घाट पर अंतिम संस्कार बंद
दारागंज घाट की तरह ही रसूलाबाद घाट भी जलमग्न हो चुका है. यहां अंतिम संस्कार पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. बीते दिनों तक लोग नावों की मदद से घाट तक पहुंचकर अंतिम क्रिया कर रहे थे.
लेकिन अब पानी का स्तर और बढ़ जाने से यह भी पूरी तरह बंद हो गया है. हालात ऐसे हैं कि प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करने पर विचार करना पड़ रहा है, ताकि शोकाकुल परिवारों को और मुश्किलों का सामना न करना पड़े.
इलाकों में राहत-बचाव कार्य जारी
गंगा और यमुना का बढ़ता जलस्तर न केवल घाटों और रिहायशी इलाकों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर भी खतरा बढ़ गया है. जलभराव वाले क्षेत्रों में बीमारियों के फैलने की आशंका है.
फिलहाल एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रही हैं. प्रशासन की ओर से लोगों को सतर्क रहने और प्रभावित क्षेत्रों से बाहर निकलने की अपील की जा रही है.
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Source: IOCL























