आकाश आनंद पर अब भी सस्पेंस! मायावती की बैठक में नहीं पहुंचे, लग रहे ये कयास
UP Politics: आकाश आनंद की बसपा में वापसी के बाद मायावती ने बड़ी बैठक की. हालांकि इस बैठक में आकाश आनंद नजर नहीं आए.

UP Politics: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की अहम बैठक बुलाई. इस बैठक में संगठन की समीक्षा की गई और कार्यकर्ताओं को साफ निर्देश दिए गए कि पार्टी को मजबूत करने में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लेकिन इस बड़ी बैठक में जिस बात ने सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी, वह यह रही कि पार्टी के पूर्व महासचिव और मायावती के भतीजे आकाश आनंद बैठक में मौजूद नहीं थे.
आकाश आनंद को लेकर हाल ही में मायावती ने बयान दिया था कि उन्होंने उन्हें माफ कर दिया है, लेकिन इसके बाद भी इस बैठक में उनकी गैरहाजिरी ने सियासी गलियारों में एक बार फिर सस्पेंस खड़ा कर दिया है. न ही बैठक में उनके बारे में कोई चर्चा हुई और न ही भविष्य में उन्हें किसी जिम्मेदारी देने के संकेत दिए गए, जिससे कयासबाज़ियाँ तेज हो गई हैं.
बैठक में मायावती ने खासतौर पर पार्टी संगठन की समीक्षा करते हुए कहा कि पिछली 2 मार्च की बैठक में जो दिशा-निर्देश दिए गए थे, उनकी प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है और जहां कमियाँ हैं, उन्हें जल्द दूर करने के निर्देश दिए गए हैं.
नेशनल हेराल्ड मामले पर बोले अखिलेश यादव- कांग्रेस ने ही ईडी बनाई थी, इस विभाग को खत्म कर देना चाहिए
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की इस बात के लिए तारीफ की कि उन्होंने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की 14 अप्रैल को और मान्यवर कांशीराम की 15 मार्च को जयंती पूरे मिशनरी जोश के साथ मनाई. उन्होंने कहा कि इससे पार्टी को ऊर्जा मिली है और मूवमेंट को मजबूती भी.
ट्रंप टैरिफ पर उठाए सवाल
इसके साथ ही उन्होंने यूपी में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और गरीबों के लिए काम न करने को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘डबल इंजन सरकार’ का ध्यान सिर्फ कुछ विशेष वर्गों और इलाकों तक सीमित है, जबकि बीएसपी की सरकार में सभी वर्गों की खुशी और खुशहाली का ध्यान रखा गया था.
मायावती ने यह भी कहा कि देश की आर्थिक स्थिति ‘ट्रम्प टैरिफ’ जैसे वैश्विक दबावों से जूझ रही है, ऐसे में बीजेपी को संकीर्ण राजनीति छोड़कर केंद्र सरकार का सहयोग करना चाहिए और देश में शांति-व्यवस्था बनाए रखने में योगदान देना चाहिए.
फिलहाल, पार्टी की इस अहम बैठक के बाद साफ हो गया है कि मायावती अब संगठन को लेकर बेहद गंभीर हैं और कोई ढील नहीं देना चाहतीं. लेकिन आकाश आनंद की गैरमौजूदगी ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या उन्हें दोबारा बड़ी भूमिका मिलेगी या पार्टी में उनका सक्रिय रोल अब सीमित रह जाएगा. बीएसपी के अंदरूनी सियासी समीकरण क्या रुख लेते हैं, यह आने वाले दिनों में साफ हो पाएगा.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
























