यूपी से मायावती के लिए आई बुरी खबर! इन 17 सीटों पर बिगड़ गए समीकरण
UP News: उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का बीते दस सालों में जनाधार घटकर आधा हो गया है. इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 17 सुरक्षित सीटों पर उसके 21 लाख से ज्यादा वोट कम हुए हैं.

UP Politics: कभी उत्तर प्रदेश की सत्ता में शासन करने वाली बहुजन समाज पार्टी को लोकसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा है. बीते 10 सालों में बसपा का जनाधार घटकर आधा हो चुका है. इतना ही नहीं, इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 17 सुरक्षित सीटों पर उसके 21 लाख से ज्यादा वोट कम हुए हैं, जो प्रत्याशियों की हार की वजह बने. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ये वोट समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को ट्रांसफर हुए हैं.
पिछले तीन लोकसभा चुनाव में बसपा के प्रदर्शन पर नजर डालें तो पता चलता है कि वह अपने काडर वोटबैंक को सहेज कर रखने में भी नाकामयाब हुई है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा को कुल 1,59,14,194 वोट मिले थे, जो इस बार महज 82,53,489 सिमट कर रह गए. पार्टी का आधा वोटबैंक चुनाव-दर-चुनाव विपक्षी दलों के पाले में चला गया. जानकारों का मानना है कि यही वजह है की बसपा को चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है.
सुरक्षित सीटों पर बीएसपी का हाल
| 2024 | 2019 | 2014 | |
| नगीना | 13,272 | 5,68,378 | 2,45,685 |
| बुलंदशहर | 1,17,424 | 3,91,264 | 1,82,476 |
| हाथरस | 2,01,263 | समाजवादी पार्टी | 2,19,891 |
| आगरा | 1,76,476 | 4,35,329 | 2,83,453 |
| शाहजहांपुर | 91,710 | 4,20,572 | 2,89,603 |
| हरदोई | 1,22,629, | समाजवादी पार्टी | 2,79,185 |
| मिश्रिख | 1,19,945 | 4,33,757 | 3,25,212 |
| इटावा | 96,541 | समाजवादी पार्टी | 1,92,804 |
| बहराइच | 50,448 | समाजवादी पार्टी | 96,904 |
| मोहनलालगंज | 88,461 | 5,39,795 | 3,09,858 |
| कौशांबी | 55,858 | समाजवादी पार्टी | 2,01,322 |
| जालौन | 1,00,248 | 4,23,386 | 2,61,429 |
| बाराबंकी | 39,177 | समाजवादी पार्टी | 1,67,150 |
| लालगंज | 2,10,053 | 5,18,820 | 2,33,971 |
| बांसगांव | 64,750 | 3,93,205 | 2,28,443 |
| मछलीशहर | 1,57,291 | 4,88,216 | 2,66,055 |
| रॉबट्सगंज | 1,18,778 | समाजवादी पार्टी | 1,87,725 |
जीत के करीब भी नहीं पहुंचे बसपा प्रत्याश
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा पर उसके बोट ट्रांसफर नहीं होने का आरोप लगाकर गठबंधन तोड़ दिया था. उनका यह फैसला अब सवालों के घेरे में आ चुका है. बसपा को बीते चुनावों में मिले वोटों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि उसे 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में तकरीबन बराबर वोट मिले थे, जबकि आधी सीटों पर उसने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे. वहीं इस चुनाव में किसी दल के साथ गठबंधन नहीं करने पर उसके वोट आधे रह गए और उसका कोई भी प्रत्याशी जीत के लायक वोटों के आसपास तक नहीं पहुंच सका.
सुरक्षित सीटों पर बसपा का बुरा हाल हुआ है. वर्ष 2014 के चुनाव में उसे सुरक्षित सीटों पर 39,71,139 वोट मिले थे, जबकि हालिया चुनाव में उसे इन सीटों पर केवल 18,24,322 वोट ही मिले हैं. 2019 के चुनाव में बसपा ने 10, जबकि सपा ने सात सुरक्षित सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. भाजपा ने 17 सीटों में से 15 पर जीत दर्ज की थी, जबकि बसपा को दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
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Source: IOCL























