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UP News: आजम खान को मिली बड़ी राहत, जौहर यूनिवर्सिटी के सर्च वारंट की अपील को कोर्ट ने किया खारिज
UP News: सपा नेता आजम खान को बड़ी राहत मिली है. पिछले हफ्ते लगातार हुई कार्रवाई के बाद रामपुर पुलिस ने जोहर यूनिवर्सिटी का सर्च वारंट मांगा था, पुलिस की इस अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

आजम खान (फाइल फोटो)
Azam Khan News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता आजम खान (Azam Khan) लगातार विवादों में चल रहे हैं. एक तरफ जहां उन पर दर्ज मुकदमों की लंबी फेहरिस्त है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस (Police) की लगातार बढ़ती करवाई ने आजम खान का जीना मुहाल कर दिया है. इसी कड़ी में पिछले हफ्ते लगातार हुई कार्रवाई के बाद रामपुर पुलिस (Rampur Police) ने जौहर यूनिवर्सिटी (Jauhar University) का सर्च वारंट मांगा था, लेकिन इस मामले में सपा नेता को राहत मिली है. कोर्ट ने पुलिस की इस अपील को खारिज कर दिया है.
जौहर यूनिवर्सिटी के सर्च वारंट की अपील खारिज
जौहर यूनिवर्सिटी में सर्च वारंट जारी कराने के लिए रामपुर पुलिस की तरफ से तमाम दलीलें रखी गई जबकि आजम खान के वकीलों ने इसका जमकर विरोध किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पुलिस और एडीएम की रिपोर्ट में भिन्नता होने के कारण जौहर यूनिवर्सिटी में पुलिस के सर्च ऑपरेशन चलाने की प्रार्थना पत्र को अब सरासर खारिज कर दिया है.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट का फैसला
दरअसल बीते हफ्ते में पुलिस ने जौहर अली यूनिवर्सिटी से नगर पालिका की ऑटोमेटिक स्वीपिंग मशीन को जेसीबी से जमीन में गड्ढा कर बाहर निकाला था जिसके बाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी की एक बिल्डिंग से मदरसा आलिया से चोरी हुई किताबें और फिर लगभग 42 अलमारियां बरामद की थीं. इसके बाद पुलिस ने कोर्ट से यूनिवर्सिटी में सर्च ऑपरेशन चलाने के लिए सर्च वारंट मांगा था. कोर्ट ने इस मामले में जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी और एडीएम को आदेशित किया था कि जौहर यूनिवर्सिटी में किस स्थान पर सर्च वारंट चाहिए पुलिस से जानकारी कर इसकी रिपोर्ट न्यायालय में पेश करें.
कोर्ट के आदेश के बाद एडीएम ने सोमवार को राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम के साथ यूनिवर्सिटी पहुंचकर रिपोर्ट तैयार की और उसे सील बंद लिफाफे में कोर्ट में पेश किया. आज इस मामले में रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने सर्च वारंट पर पुलिस के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. कोर्ट में पुलिस और मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में भिन्नता होने के कारण पुलिस की ओर से सर्च वारंट की मांग के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. जिससे कहीं ना कहीं आजम खान को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
जानिए क्या है पूरा मामला
आपको बता दें पूरा मामला अब्दुल्ला आजम के दो करीबी दोस्त अनवार और सालिम की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ. दरअसल कुछ समय पहले अब्दुल्ला आजम के दोनों करीबी दोस्तों अनवार और सालिम का जुआ खेलते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसके बाद इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ और फिर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया. रिमांड के दौरान की गई पुलिस की पूछताछ में अनवार और सालिम ने यूनिवर्सिटी में दफन कई राज़ों को उजागर किया. जिसके आधार पर यूनिवर्सिटी कैंपस से नगर पालिका की खरीदी हुई करोड़ों की ऑटोमेटिक स्वीपिंग मशीन जमीन से खोदकर निकाली गई, उसके बाद उन्हीं की निशानदेही पर यूनिवर्सिटी में पुलिस की दूसरी बड़ी कार्रवाई हुई और मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग से दीवार तोड़कर हजारों की तादाद में किताबें बरामद हुई जो मदरसा आलिया से चुराई गई थी.
पुलिस की पूछताछ में अनवार, सालिम ने यूनिवर्सिटी के 2 कर्मचारियों के नाम खोलें. पुलिस ने परवेज़ और सलाउद्दीन को गिरफ्तार किया और उनकी निशानदेही पर यूनिवर्सिटी केंपस की मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग से ही मदरसा आलिया की चोरी हुई लगभग 42 अलमारी पुलिस ने बरामद की. इतनी बड़ी तादाद में बरामदगी के बाद रामपुर की कोतवाली पुलिस ने बरामदगी को आधार बनाते हुए कोर्ट से जौहर यूनिवर्सिटी में सर्च ऑपरेशन चलाने के लिए सर्च वारंट के लिए प्रार्थना पत्र दिया. जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
भले ही एक के बाद एक आजम खान के खिलाफ कार्यवाही हो रही हैं लेकिन कोर्ट के इस फैसले से कहीं ना कहीं आजम खान को बड़ी राहत भी मिली है.
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