सीसामऊ सीट पर घमासान जारी, सपा के लिए अपने ही बन रहे संकट! अखिलेश को लगेगा झटका?
UP ByPolls 2024:सपा ने तमाम दावेदारों के दावे पर नसीम सोलंकी की टिकट फाइनल कर विराम लगा दिया है लेकिन बीजेपी में भी इसी सीट पर सैकड़ों दावेदार और दिग्गज ताल ठोक रहे हैं.
UP ByPolls 2024: कानपुर की सीसामऊ सीट को लेकर घमासान जारी है जीत का झंडा गाड़ने के लिए सपा और बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है लेकिन बीजेपी ने इस सीट पर अभी अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है वहीं सपा ने अपने विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी को ही टिकट देकर मैदान में खड़ा कर दिया है ,चुनाव की तारीख साफ हो चुकी है लेकिन बीजेपी की देरी की वजह साफ नहीं हो रही है.
हालांकि सपा ने तमाम दावेदारों के दावे पर नसीम सोलंकी की टिकट फाइनल कर विराम लगा दिया है लेकिन बीजेपी में भी इसी सीट पर सैकड़ों दावेदार और दिग्गज ताल ठोक रहे हैं ऐसे में टिकट किसी एक का ही होना है और बाकी के हांथ निराशा लगेगी ,लेकिन सपा में हुए कानपुर शहर में दो गुटों में हंगामे ने बीजेपी और सपा के बीच में हार और जीत के फासले को कम कर दिया है.
बीजेपी सपा में चल रही अंतर्कलह को लेकर अंदर ही अंदर खुश है तो वहीं सपा अपने आपसी झगड़े ही कम नहीं कर पा रही है प्रत्याशी नसीम सोलंकी के चुनाव की तैयारियों के बीच जिलाध्यक्ष और दो विधायकों के बीच होने वाली सार्वजनिक तू तू मैं मै शहर में सपा की कलई खोल रही है और चुनाव से पहले ये तस्वीर सपा के गढ़ सेंध लगा सकती है, बीजेपी पहले से ही इस सीट पर सपा को कमजोर करने का काम कर रही है. मुस्लिम मतदाताओं के बीच बीजेपी ने अल्पसंख्यक नेताओं को उतार दिया है.
इस सीट पर दो समीकरण
दलित बस्तियों में उनके नेता प्रवास कर रहे हैं. सदस्यता अभियान के जरिए बीजेपी खुद को मजबूत और विपक्ष को संदेश दे रहे है कि उसका पलड़ा मजबूत है और उस पर सबसे बड़ी बात ये कि बीजेपी ने अभी अपने प्रत्याशियों का नाम घोषित नहीं किया है आखिर सपा के सामने बीजेपी किसे मैदान में उतारने की फिराक में है ये सवाल सपा के लिए भी है क्योंकि सियासत में कोई भी दांव हल्का नहीं मना जाता ऐसे में बीजेपी तैयारी कर चुकी है और प्रत्याशी के नाम की घोषणा का सही समय देख रही है.
इस सीट पर दो समीकरण काम करते हैं पहला यहां मुस्लिम मतदाता जिसे वोट करता है उसकी जीत भी पुख्ता मानी जाती है लेकिन ये तब संभव होता है जब इसी सीट पर दलित मतदाता ब्राह्मण के साथ मिलकर किसी दूसरे प्रत्याशी को वोट न करे. इस सीट पर अगर दलित और ब्राह्मण एक होकर किसी प्रत्याशी को वोट करते हैं तो मुस्लिम मतदाताओं का जादू काम नहीं करता क्योंकि 40 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं वाली सीट पर बड़ी संख्या दलित और ब्राह्मण मतदाताओं की एक जुट होने से हो जाती है. फिलहाल सीट पर सियासी समीकरण बदल रहे हैं सपा की अंतर्कलह और बीजेपी के तैयारियों को लेकर बढ़ते कदम इस बार का चुनाव रोमांचक होने वाला है , अगर सपा की अंतर्कलह इसी तरह चलती रही तो सपा प्रत्याशी की जीम में रोड़ा कोई और नहीं बल्कि सपाई ही लगाएंगे जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है .