'बजट का झोला खाली, किसानों की समस्या बढ़ गई, ये डबल ब्लंडर सरकार है'- अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश में बजट पेश होने के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस बजट की कमियों का जमकर उल्लेख किया है. उन्होंने इस बजट को निराशाजनक बताया है.

UP Budget 2025: उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट बृहस्पतिवार को पेश किया, जिसमें अनुसंधान एवं विकास और सूचना प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किया गया है. आगामी वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित बजट में 28,478.34 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल की गयी हैं. अब इसपर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है.
अखिलेश यादव ने कहा कि इस बजट का झोला खाली है. जनता को लग रहा है बजट आया ही नहीं है. जनता पूछ रही है प्रवचन तो आ गया लेकिन बजट कब आएगा. बजट देखकर किसानों की समस्या बढ़ गई है. महिलाओं की परेशानी और बढ़ गई है. जो वहां मेज पीट रहे थे, बीजेपी के विधायकों के मन सुख गए हैं. जो लगातार नौ बजट फेल किए हैं सरकार, उसके बाद बेरोजगारी पर क्या जवाब है. जनता पूछ रही है कि जुमला मंत्रालय के लिए कितना आवंटन किया है.
सपा प्रमुख ने कहा कि विद्वानों की सभा में मूर्ख के लिए मौन ही आभूषण होता है. ये तो विधानसभा थी जहां बहुत विद्वान लोग थे. कुछ लोग उर्दू का विरोध उर्दू में ही किए. ये पहली सरकार है जो उर्दू का विरोध उर्दू में ही कर रहे थे. हालांकि भाषण में उन्होंने कई बार उर्दू के शब्दों का उपयोग किया. इनका नौवां बजट था. उनका संकल्प था कि किसानों मुफ्त बिजली उपलब्ध कराएंगे.
ये डबल ब्लंडर सरकार है- अखिलेश यादव
उन्होंने कहा कि जो समाजवादी पार्टी सरकार में मंडी बनी थी उनको इस सरकार ने चौपट कर दिया है. लेकिन नौ बजट के बाद भी इन्होंने था कि गन्ना किसानों का 14 दिनों में भूगतान नहीं होगा तो ब्याज के साथ भूगतान करेंगे. लेकिन ये सरकार कभी बकाया नहीं बताती है. इस सरकार ने कितना गन्ना की कीमत बढ़ाई है. दोनों सरकारों ने डबल ब्लंडर सरकार है. गन्ना की कीमत नहीं बढ़ाई है.
बजट पर अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार ने एक भी मेगा फूड पार्क विकसित किया हो तो बताए. मेडिकल कॉलेज में कुछ नहीं हो रहा है और वहां पर स्टॉफ ही नहीं है. शाहजहांपुर में एक भी एंबुलेंस नहीं है. गंभीर बीमारियों से गरीबों के घर में परेशानियां आ रही हैं. लेकिन इलाज नहीं मिल पा रहा है. समय पर सरकार इलाज नहीं दिला पा रही है.
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