श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत और बलरामपुर- यूपी के इन जिलों में क्यों गरज रहे बुलडोजर? पढ़ें पूरी रिपोर्ट
UP News: यूपी में अवैध मदरसों के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. भारत-नेपाल सीमा से सटे यूपी के आधा दर्जन जिलों में 355 मदरसों पर प्रशासन ने कार्रवाई की है.

Lucknow News: यूपी सरकार ने नेपाल-भारत (Indo Nepal Border) की सीमा पर अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए अवैध मदरसों और निर्माणों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए है. नेपाल बॉर्डर पर अवैध मदरसों के संचालन को लेकर प्रशासन सख्त है. सरकारी जमीनी पर बने अवैध मदरसों पर बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है.
वहीं गैर मान्यता या अवैध रूप से संचालित मदरसों को सील किया जा रहा है. ये कार्रवाई नेपाल की सीमा से सटे बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, पीलीभीत और महाराजगंज जैसे जिलों में की जा रही है. जहां इस कार्रवाई को प्रशासन और सरकार सही बता रही है तो विपक्ष और पीड़ित इस कार्रवाई को गलत बता रहे है.
नोटिस के बाद की गई कार्रवाई- प्रशासन
एबीपी न्यूज की टीम सबसे पहले बहराइच जिले के रंजीत बोझा गांव पहुंची जहां प्रशास ने दारुल उलूम गुलशने मदरसे पर बुलडोजर कार्रवाई की. प्रशासन का कहना है कि यह मदरसा ग्राम समाज की जमीन पर बना है, जो पूरी तरह से अवैध है. इसी लिए नोटिस के दो दिन बाद ही बुलडोजर की कार्रवाई कर दी गई है.
प्रशासन ने सिर्फ मदरसे का किया टारगेट- मदरसा संचालक
हालांकि मदरसा संचालक मोहम्मद सलमान ने कहा कि यहाँ चारों तरफ ग्राम समाज की जमीन है लेकिन प्रशासन ने सिर्फ मदरसे को ही टारगेट किया है, बाकी किसी को नहीं छुआ. जबकि इस जमीन को लेकर हमारा कोर्ट में केस भी चल रहा है. अगर इस जमीन का हम इस्तेमाल नहीं करेंगे तो मदरसे में जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाएगा. ये मदरसा पिछले दस सालों से चल रहा था लेकिन आज मदरसे की मान्यता होने के बावजूद इसे गिरा दिया गया.
बहराइच में गिराया गया मदरसा
इसके बाद एबीपी न्यूज़ की टीम बहराइच के जमादार गांव पहुंची. यहां करीब 60 सालों से ये मदरसा चल रहा था लेकिन प्रशासन ने इस मदरसे को ग्राम पंचायत की जमीन पर बना हुआ बताकर ध्वस्त कर दिया. जमादार गांव में बना ये मदरसा मसऊदिया जियाउल उलूम के नाम से चल रहा था लेकिन अब प्रशासन ने इस पर कार्रवाई करते हुए इसे ध्वस्त कर दिया है .
मदरसे के प्रबंधक मुनाउवर अली ने एबीपी न्यूज को बताया कि यह मदरसा उनके बाप दादाओ ने बनवाया था वो भी यही पढ़े है और आज उनकी उम्र 50 साल की है. वही गांव के तमाम लोगो ने भी कहा की हम लोग बचपन से इस मदरसे को देख रहे है और और इस मदरसे में हम पढ़े भी है. मदरसे के प्रबंधक ने कहा हम इस जमीन के बदले अपनी खतौनी की जमीन भी देने को तैयार थे लेकिन प्रशासन नहीं माना और मदरसे को तोड़ दिया .
आपको बता दें कि बहराइच में कुल मदरसों की संख्या 796 है जिनमें मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 301 और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 495 है. प्रशासन ने कार्रवाई के दौरान 10 मदरसों को सील किया है, जबकि दो मदरसों को ध्वस्त किया गया है.
श्रावस्ती में अवैध मदरसों पर हुआ एक्शन
इसके बाद एबीपी न्यूज़ की टीम श्रावस्ती पहुंची जहाँ सबसे ज़्यादा मदरसों पर कार्रवाई की है. श्रावस्ती में सबसे पहले एबीपी न्यूज़ की टीम नासिर गंज पहुंची, जहाँ करीब तीस साल पुराने मदरसे पर बुलडोजर कार्रवाई की गई है. यह मदरसा जमीयतुल कदरिया के नाम से चल रहा था. प्रशासन का कहना है कि ये मदरसा सरकारी जमीन पर बना था जिसे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है .
इसके बाद हमारी टीम श्रावस्ती के शाहपुर पहुंची, जहां मदरसा रजिया गौसुल उलूम के नाम से चल रहा था. ये मदरसा करीब बीस साल से भी ज्यादा पुराना है. मदरसे के संचालक मोहम्मद नईम ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे सारे दस्तावेज सही है. उनका कहना है कि ये बात खुद अधिकारियों ने भी मानी और हमने ये जमीन मदरसे के नाम खरीदी थी जिसकी रजिस्ट्री भी उन्होंने दिखाई उनके पास मदरसे की मान्यता भी थी. इसके बाद भी अधिकारी ये कहते हुए मदरसा सील कर दिया कि प्रशासन का आदेश है.
इसके बाद हमारी टीम श्रावस्ती के खलीफतपुर पहुंची. जहां एक मदरसे को खलियान पर बना हुआ बता कर तोड़ दिया गया. ये मदरसा भी करीब बीस सालों से चल रहा था, ये मदरसा गौसिया गौसुल उलूम के नाम से चल रहा था जिसपर प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई की है .
इसके बाद एबीपी न्यूज़ की टीम श्रावस्ती के आला गांव पहुंची, जहां प्रशासन बुलडोजर की कार्रवाई कर रहा था. प्रशासन का कहना है कि आला गांव में ये मदरसा दारुल उलूम गुलशने तैयबा के नाम से ये संचालित किया जा रहा था. ये मदरसा खलिहान की जमीन पर बनाया गया था, यही वजह है की बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है. बता दें कि श्रावस्ती जिले में कुल मदरसों की संख्या 297 है जिनमें अवैध मदरसा- 192 और वैध मदरसा- 105 है. अबतक करीब 110 अवैध मदरसों पर कार्रवाई हो चुकी है, बाकी मदरसों पर कार्रवाई जारी है.
श्रावस्ती में सैकडों अवैध निर्माण किए गए चिन्हित
श्रावस्ती में 10 और 11 और 12 मई को सार्वजनिक और निजी भूमि पर अवैध रूप से निर्मित 104 मदरसा, एक मस्जिद, 5 मजार और 2 ईदगाह को चिह्नित किया गया. इन सभी को नोटिस देने के साथ ही इन्हें सील कर दिया गया है. जिलाधिकारी श्रावस्ती के अनुसार सार्वजनिक भूमि पर स्थित एक अवैध मदरसा के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूर्ण की गई. निजी भूमि पर स्थित 2 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को सील करने की कार्रवाई पूरी की गई है. इसके अतिरिक्त भूमि प्रबंधक समिति प्रबंधक के द्वारा नियमानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी है.
बहराइच में 170 से ज्यादा अवैध निर्माण पर हुई कार्रवाई
बहराइच में 10 और 11 मई को 13 मदरसे, 8 मस्जिद, 2 मजार और एक ईदगाह को सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण के रूप में चिह्नित किया गया. इन सभी को नोटिस देने के बाद 5 को सील किया गया, जबकि 11 को हटा दिया गया है. हटाए गए अतिक्रमण में 8 मदरसे, 2 मस्जिद और एक मजार शामिल रहै. इसके अतिरिक्त इंडो नेपाल बॉर्डर के 0-10 किमी. के मध्य सरकारी भूमि पर स्थित कुल 171 अवैध अतिक्रमण को हटाया जा चुका है.
सिद्धार्थनगर में 23 अवैध निर्माण चिन्हित
सिद्धार्थनगर में भी शनिवार को 4 मस्जिद, 18 मदरसे, जबकि रविवार को एक मदरसे को चिह्नित किया गया. इसमें 20 को अवैध निर्माण के लिए नोटिस दिया गया, जबकि 5 मदरसे को सील किया गया और 9 को हटाने की कार्रवाई की गई. कुल मिलाकर 23 अवैध निर्माण पर कार्रवाई की गई है.
महाराजगंज में 34 धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई
महाराजगंज के तहसील नौतनवा के ग्राम परसामालिक में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा प्रस्तुत आख्या के आधार पर मकतब भूमि में संचालित गैर मान्यता प्राप्त मदरसे के संचालन को बंद करके चाभी थानाध्यक्ष के सुपुर्द की गई है. महाराजगंज में अब तक कुल मिलाकर सार्वजनिक और निजी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए 29 मदरसे और 5 मजार ध्वस्त किए जा चुके हैं.
लखीमपुर खीरी में भी अवैध निर्माण पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई
लखीमपुर खीरी में शनिवार और रविवार को सार्वजनिक भूमि पर 2 मस्जिद, एक मजार और एक ईदगाह, जबकि निजी भूमि पर 8 मदरसा अवैध रूप से निर्मित पाए गए. अब तक जनपद में सभी 13 चिह्नित अवैध निर्माण में एक को नोटिस दिया गया है, जबकि 9 को सील करते हुए बाकी तीन को ध्वस्त किया जा चुका है.
पीलीभीत में अवैध मस्जिद को नोटिस
पीलीभीत में अब तक सार्वजनिक भूमि पर एक अवैध मस्जिद को चिह्नित किया गया है और इसे नोटिस जारी किया गया है. जिला मजिस्ट्रेट के अनुसार, यह अवैध निर्माण ग्राम भरतपुर में कुल 0.0310 हेक्टेयर पर किया गया था. नोटिस जारी करते हुए इसमें पक्षकारों से 15 दिन में जवाब मांगा गया. नोटिस की अवधि के उपरांत अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जानी है.
बलरामपुर में निर्माणाधीन मदरसे को किया ध्वस्त
बलरामपुर में रविवार को ग्राम वीरपुर सेमरा, तहसील तुलसीपुर में सार्वजनिक भूमि पर निर्माणाधीन मदरसे के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है. इस तरह अब तक कुल 30 मदरसे, 10 मजार और एक ईदगाह का अवैध निर्माण ध्वस्त किया गया है. इसमें 10 मदरसे, दस मजार और एक ईदगाह सार्वजनिक भूमि पर, जबकि 20 मजार निजी भूमि पर अवैध रूप से निर्मित की गई थी. अब तक इन जिलो में कुल 355 मदरसों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा चुकी है बाक़ी मदरसों के ख़िलाफ़ लगातार कार्रवाई जारी है.
कार्रवाई पर सियासत शुरू
हालाकि मदरसों पर हो रही कार्रवाई को लेकर सियासत भी तेज हो गई है, जहाँ सरकार इस कार्रवाई को सही और अल्पसंख्यक के हित में बता रही है. वही समाजवादी पार्टी इस कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े कर रही है. उसका कहना है कि एक समुदाय पर कार्रवाई कर दूसरे समुदाय को खुश करने की कोशिश की जा रही है ताकि वोट बैंक की राजनीति की जा सके.
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Source: IOCL
























