UP: यूपी में आई अवैध ई-रिक्शा वालों की आफत! सीएम योगी के आदेश पर हुई ये बड़ी कार्रवाई
UP News: यूपी में परिवहन विभाग की समीक्षा में सामने आया कि अब तक इस अभियान में 18,816 वाहनों के चालान किए जा चुके हैं, जिनमें 2,316 अपंजीकृत ई-रिक्शा शामिल हैं वहीं 6,662 वाहन सीज किए गए हैं.

E Rickshaw Problem: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ई-रिक्शा संचालन को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान को 16 दिन पूरे हो चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलने वाले इस राज्यव्यापी अभियान का उद्देश्य अवैध और अनधिकृत ई-रिक्शा के खिलाफ कार्रवाई कर आमजन को सुगम और सुरक्षित यातायात की सुविधा देना है.
परिवहन विभाग द्वारा मंगलवार को की गई समीक्षा में सामने आया कि अब तक इस अभियान में 18,816 वाहनों के चालान किए जा चुके हैं, जिनमें 2,316 अपंजीकृत ई-रिक्शा शामिल हैं वहीं 6,662 वाहन सीज किए गए हैं. अभियान की निगरानी स्वयं परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह और अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) संजय सिंह कर रहे हैं.
इन जिलों को भेजा गया नोटिस
समीक्षा में यह भी सामने आया कि कई जनपदों में अभियान की रफ्तार अपेक्षित नहीं रही. इस पर 20 जिलों जैसे ललितपुर, हाथरस, देवरिया, महाराजगंज, बस्ती, श्रावस्ती, शामली, झांसी, फर्रुखाबाद, इटावा, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, रामपुर और बदायूं सहित अन्य को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है. इन जिलों के परिवहन अफसरों से जवाब तलब किया गया है कि उन्होंने अब तक इस अभियान में क्यों सुस्ती बरती.
इसके विपरीत जिन जिलों ने अच्छा कार्य किया है, उनकी प्रशंसा भी की गई है. इनमें बरेली, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, फिरोजाबाद, बाराबंकी, एटा, गोरखपुर, अंबेडकरनगर, बहराइच, चंदौली और चित्रकूट जैसे जिले शामिल हैं, जहां अभियान की प्रगति संतोषजनक रही.
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कई वाहनों का कटा चालान और हुए सीज
गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अकेले 17 अप्रैल को 469 वाहन सीज किए गए और 1,294 चालान किए गए. लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, गाजियाबाद और सहारनपुर में सबसे अधिक कार्रवाई दर्ज की गई.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के कई शहरों और कस्बों में बिना पंजीकरण और बिना लाइसेंस के ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा चलाए जा रहे हैं. इससे न सिर्फ यातायात में बाधा आती है बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी यह खतरनाक हैं. खासकर स्कूलों के बाहर, रेलवे स्टेशन और बाजार क्षेत्रों में इनकी मनमानी से आमजन को काफी परेशानी होती है. इन्हें नियंत्रित करने और पंजीकृत ई-रिक्शा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह अभियान शुरू किया गया है.
पारदर्शिता से चलाया जा रहा अभियान
परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह ने बताया कि यह अभियान पूरी पारदर्शिता और प्रभावशीलता से चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा, सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि अनधिकृत ई-रिक्शा के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और आमजन को सुरक्षित यातायात सुविधा मिले। जो अफसर अभियान में लापरवाही बरत रहे हैं, उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. इस अभियान को पुलिस विभाग और जिला प्रशासन का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है. सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है- सुरक्षित यातायात, जवाबदेही और आमजन की सुविधा.
Source: IOCL






















