उत्तराखंड में UCC पर बोले मौलाना रजवी- मुसलमान स्वागत करेगा लेकिन अगर शरीयत से...
उत्तराखंड में सोमवार को यूसीसी लागू होगा. इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शाहबुद्दीन रजवी ने प्रतिक्रिया दी है.

UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड में सोमवार से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी जाएगी और इसके साथ ही यह स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बनेगा जहां यह कानून प्रभावी होगा. इससे पहले यूसीसी लागू किये जाने पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शाहबुद्दीन रजवी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि मुसलमान कानून पर अमल करता है और सम्मान करता है. उत्तराखंड में आज से लागू किए जाने वाले यूसीसी का अगर शरीयत से कोई टकराव ओर उसके उसूलों के खिलाफ नहीं है तो मुसलमान यूसीसी पर अमल करेगा.
उन्होंने कहा कि अगर शरीयत के खिलाफ है और टकराव की स्थिति तो मुसलमान यूसीसी पर अमल करने पर बाध्य और मजबूर नहीं है.
सीएम धामी ने जारी किया था ये बयान
उधर, मुख्यमंत्री ने बीते शनिवार कहा था कि 'यूसीसी लागू करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं जिसमें अधिनियम की नियमावली को मंजूरी और संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है.' उन्होंने कहा था कि यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित होंगे.
धामी ने कहा था 'यूसीसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है. समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है .'
बीजेपी का चुनावी वादा होगा पूरा
बता दें उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा किए गए प्रमुख वादों में से एक है. मार्च में दोबारा सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उसका मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर मुहर लगा दी गयी थी.
सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 27 मई 2022 को गठित विशेषज्ञ समिति ने लगभग डेढ़ साल की मेहनत से तैयार अपनी रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को राज्य सरकार को सौंपी जिसके आधार पर मार्च 2024 में राज्य विधानसभा ने यूसीसी विधेयक पारित कर दिया. उसके बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी दे दी.
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