मोरारी बापू पर बुरी तरह भड़के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, कहा- 'धर्म शास्त्र में कहा गया है कि जब...'
Morari Bapu Controversy: मोरारी बापू विवाद पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वो जान रहे हैं कि हमारा शास्त्र ये है, हमारी परंपरा ये है, फिर भी मनमानी कर रहे हैं.

Morari Bapu Controversy News: मशहूर कथावाचक मोरारी बापू ने अपनी पत्नी के निधन के बाद सूतक काल में राम कथा का वाचन किया, जिसके बाद वो विवादों में आ गए हैं. काशी के साधु-संतों ने उन पर पर सवाल उठाए, जिसके बाद उन्होंने माफी मांग ली है. लेकिन, इस पर अभी भी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कथावाचक मोरारी बापू पर तीखा हमला किया है. उन्होंने इसे प्रज्ञा अपराध बताया और कहा कि जब ऐसा होना शुरू हो जाता है, तो दुनिया नाश की ओर बढ़ने लगती है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि "धर्म शास्त्र में कहा गया है कि जब प्रज्ञा अपराध होने लगता है, तो इस तरह की समस्याएं आती हैं. प्रज्ञा अपराध का मतलब है कि हम ये जानते हैं कि ये गलत है, फिर भी हम करते हैं. जैसे आप मुरारी बापू के प्रकरण में देख रहे हैं. वो जान रहे हैं कि हमारा शास्त्र ये है, हमारी परंपरा ये है, फिर भी मनमानी कर रहे हैं. ऐसे ही दूसरे मामलों में दूसरे लोग भी कर रहे हैं."
प्रज्ञा अपराध बढ़ने से दुनिया का नाश- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
उन्होंने कहा, "आज मनमानापन बढ़ता चलता जा रहा है. जब जानते-बूझते भी अपराध को जारी रखा जाता है, तो उसे प्रज्ञा अपराध कहा जाता है. जब प्रज्ञा अपराध बढ़ता है, तो पूरी दुनिया में इसी तरह से समस्याएं आना शुरू हो जाती हैं. धीरे-धीरे दुनिया बढ़ती है और फिर दुनिया नाश की ओर बढ़ने लगती है."
इससे पहले भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उनकी प्रवृत्ति को रावण जैसा बताया था. उन्होंने कहा कि सूतक में दर्शन-पूजन और कथा करना शास्त्र के खिलाफ है अगर उन्होंने पश्चाताप नहीं किया तो यमराज उन्हें दंड देंगे.
दरअसल, मोरारी बापू की पत्नी का निधन 12 जून को हो गया था, जिसके बाद 14 जून को वो वाराणसी आ गए, जहां उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया. इसके बाद से ही काशी के साधु-संतों न उनका विरोध किया और उनके पोस्टर भी जलाए, विवाद बढ़ने के बाद मोरारी बापू ने माफी भी मांगी, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने सूतक काल में राम कथा जारी रखी, जिसके बाद आक्रोश और भी ज्यादा बढ़ गया है.
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