Shrikhand Yatra 2022: महादेव के दर्शन के साथ करना चाहते हैं रोमांच की अद्भुत अनुभूति, तो करें श्रीखंड यात्रा, जानिए नियम और किराया
Shrikhand Yatra 2022: कुल्लू जिले में स्थित श्रीखंड महादेव को दुनिया के सबसे उंचाई वाले धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है. इसकी यात्रा पर जाने से पहले हर श्रद्धालु को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है.

Shrikhand Yatra 2022: हमारे देश में कई ऐसे धार्मिक स्थल है जो उंची पहाड़ियों पर स्थित है. लेकिन हिमाचल के कुल्लू जिले के निरमंड उपमंडल में श्रीखंड महादेव (Shrikhand Mahadev) दुनिया के सबसे ऊंचाई वाले धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है. कहा जाता है कि इस जगह पर भगवान शिव का वास है और इनके दर्शन के लिए चार से पांच दिन की पैदल यात्रा करनी पड़ती है. बावजूद इसके हर साल यहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. बता दें कि श्रीखंड यात्रा हर साल 15 जुलाई के बाद ही शुरू की जाती है. ऐसे में अगर आप इस यात्रा पर जाने चाहते हैं तो चलिए बताते हैं इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.
ये हैं श्रीखंड यात्रा के नियम
श्रीखंड महादेव की यात्रा के लिए सबसे पहले हर श्रद्धालु को रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है. तभी वो यात्रा में हिस्सा ले सकता है. अगर कोई बिना रजिस्ट्रेशन जाता है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है. इसके अलावा यात्रा के लिए हर श्रद्धालु का मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट भी जरूरी होता है. बता दें कि इस यात्रा के लिए 15 वर्ष से कम और 60 से अधिक आयु वाले लोगों को जाने की अनुमति नहीं है.
श्रीखंड यात्रा के दौरान करें इन स्थलों के भी दर्शन
वहीं बात करें यात्रा के आयोजन की तो इसका पूरा आयोजन श्रीखंड महादेव ट्रस्ट द्वारा किया जाता है. श्रद्धालुओं के लिए सिंहगाड़, थाचड़ू, भीम डवारी और पार्वती बाग में बेसकैंप लगाए जाते हैं. क्योंकि सिंहगाड़, थाचड़ू और भीम डवारी यात्रा के तीन पड़ाव हैं. जहां पर सभी के लिए मेडिकल, दवा और आक्सीजन की व्यवस्था की जाती है. इसके अलावा पूरे रास्ते में पुलिस के जवान और होमगार्ड भी तैनात रहते हैं. श्रीखंड की यात्रा के दौरान आप डंडाधार, थाचडू, काली टाप, कालीघाटी, भीम तलाई, कुंशा, भीम डवारी, पर्वतीबाग, नैन सरोवर जैसे दर्शनीय स्थल के भी दर्शन कर सकते हैं.
जानिए कैसे पहुंचें श्रीखंड
श्रीखंड महादेव की यात्री पर जाने के लिए आपको सबसे पहले शिमला के रामपुर से कुल्लू के निरमंड होकर बागीपुल और जाओं तक कार का सफर करना होगा और उससे आगे आप बस में भी यात्रा कर सकते हैं. फिर इसके बाद आपको करीब 32 किलोमीटर की यात्रा पैदल ही करनी पड़ती है. आपको बता दें कि यात्रा के दौरान रास्ते में ठहरने के जगह-जगह टेंट और लंगर लगे हुए होते है. वहीं टेंट में अगर आप एक रात रूकते हैं तो इसके लिए आपको 300 से 500 रुपये देने होंगे.
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Source: IOCL





















