सीमा पहवा को कई सालों की मेहनत के बाद मिलने लगी थी बॉलीवुड में फिल्में, बोलीं- लॉकडाउन की वजह करनी पड़ेगी फिर से शुरुआत
लॉकडाउन (Lockdown) का असर अलग-अलग जिंदगियों पर अलग तरह से पड़ रहा है, लेकिन किसी की 30 साल की मेहनत के बाद फिर से नई शुरुआत करनी पड़े तो कैसा लगेगा।

लॉकडाउन की वजह से फिल्म इंस्डस्ट्री ठप पड़ी है। फिल्मों और सीरियल्स की शूटिंग को रोक दिया गया। ऐसे में यहां काम करने वाले तमाम कलाकारों, क्रू और दिहाड़ी मजदूरों की रोजी रोटी पर खतरा मंडरा रहा है। हालांकि इनकी मदद के लिए भी कई लोग आगे आए हैं। लेकिन दिक्कत सिर्फ रोजी रोटी की ही नहीं है।

एक्टिंग की दुनिया में सीमा पहवा (Seema Pahwa) को सफलता की सीढ़ियां चढ़ने में लगभग तीन दशक लग गए और उन्हें लगता है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद उन्हें फिर से शुरुआत करनी पड़ेगी। पहवा ने साल 1984 में मशहूर टीवी सीरियल “हम लोग” से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। उसके बाद वह कुछ फिल्मों और टीवी शो में भी नजर आयी थी।

साल 2015 में आई फिल्म आंखों देखी के लिए सीमा को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का स्टार स्क्रीन अवॉर्ड मिला। बीते साल रिलीज हुई फिल्म बाला में भी उनके काम को काफी पसंद किया गया। इसके चलते उन्हें 65वें फिल्मफेयर अवॉर्ड में बेस्ट सपोर्टिंग फीमेल एक्ट्रेस के लिए नॉमिनेट किया गया।

इस इंटरव्यू के दौरान सीमा पहवा ने कहा, 'दर्शक विषय-आधारित फिल्मों को स्वीकार करने लगे थे, लेकिन अब वो पैसे देकर अपनी जान जोखिम में डालकर सिनेमाहाल जाने और फिल्में देखने से पहले दो बार सोचेंगे। ये मुश्किल भरा काम है।

आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव और विक्की कौशल जैसे कलाकारों का उदाहरण देते हुए अभिनेत्री ने आगे कहा कि ‘उन्होंने भारतीय फिल्म के नायक को फिर से परिभाषित किया है और उनके प्रशंसकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। लेकिन अब उनके लिए भी दर्शकों को सिनेमाहाल तक खींचना मुश्किल होगा।’
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