अखिलेश यादव की सिक्योरिटी बढ़ाने की मांग, लखनऊ में सपाईयों ने दिया धरना
UP News: राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर गुरुवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा बीजेपी ईडी का गलत इस्तेमाल कर रही है.

Lucknow News: समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर धरना प्रदर्शन कर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. सपा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा राज के दौरान प्रबुद्ध वर्ग, अधिवक्ताओं और समाजवादी नेताओं को साजिशन ईडी और फर्जी मुकदमों के जरिए प्रताड़ित किया जा रहा है. इस धरने का नेतृत्व समाजवादी अधिवक्ता सभा के प्रदेश अध्यक्ष सिकंदर यादव, सपा नेता पूजा शुक्ला और आलोक त्रिपाठी ने किया.
इस धरने में करुणेश द्विवेदी (केडी), शुभांगी द्विवेदी, दिलीप पाठक, अरुण यादव, रौनक तिवारी, विशाल चौधरी, रीता चौबे, हर्षित तिवारी, राजीव यादव, अजय यादव, रवि शुक्ला, दिलीप कृष्णा, प्रिंस पाल, अरविंद यादव, वरुण कुमार, दीपक पांडेय ‘टेशू’ और मोहम्मद मुबीन खान सहित बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता शामिल हुए.
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
समाजवादी पार्टी द्वारा धरना देने के बाद प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि बीजेपी सरकार ईडी को राजनीतिक हथियार बनाकर विपक्षी नेताओं को झूठे मामलों में फंसा रही है. ज्ञापन में पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया गया कि उन्हें ईडी के जरिए साजिशन जेल भेजा गया है. वहीं अधिवक्ता हरीश मिश्रा पर जानलेवा हमला होने के बावजूद उल्टा उन्हें ही जेल में डाल दिया गया.
सपा नेताओं ने यह भी कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को खुलेआम गोली मारने की धमकी दी गई, लेकिन अब तक न तो सरकार ने कोई सख्त कार्रवाई की और न ही उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई. इसके अलावा आदर्श उपाध्याय की थाने में पीट-पीटकर की गई हत्या को लेकर भी नाराजगी जताई गई.
ज्ञापन में अखिलेश यादव की सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग
इस ज्ञापन में राज्यपाल से मांग की गई कि लोकतंत्र और कानून के राज को सुरक्षित रखा जाए, प्रबुद्ध वर्ग के उत्पीड़न पर रोक लगाई जाए और समाजवादी पार्टी के नेताओं को फर्जी मामलों में फंसाने की साजिशें बंद की जाए. साथ ही अखिलेश यादव की सुरक्षा को तत्काल बढ़ाए जाने की मांग भी की गई.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में ईडी और दूसरी जांच एजेंसियों की भूमिका को लेकर विपक्षी दलों की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. सपा समेत कई दल इसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई मानते हैं. वहीं भाजपा का कहना है कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से अपना काम कर रही है और कानून अपना रास्ता ले रहा है.
यह भी पढ़ें- यूपी में ग्रामीण महिलाओं की कमाई के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला, दी जा रही ये ट्रेनिंग
Source: IOCL























