RO-ARO परीक्षा-2023 का पेपर लीक कराने वाले STF के हत्थे चढ़े, 2 राज्यों से हुई गिरफ्तारी
STF की जांच में सामने आया कि पेपर लीक करने की साजिश पूर्व नियोजित थी. गिरफ्तार आरोपी नमन शाम्बरी ने पूछताछ में बताया कि उसकी पहचान राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश नामक लोगों से हुई थी.

RO-ARO Paper Leak: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 का पेपर लीक करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है. दोनों आरोपी नमन शाम्बरी और शाहिद सिद्दीकी को क्रमशः भोपाल (मध्य प्रदेश) और चंदौली (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया गया.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा 11 फरवरी 2024 को राज्यभर में समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) की प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी. लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले ही सोशल मीडिया पर पेपर वायरल होने की शिकायतें सामने आईं. इस पर यूपी सरकार ने परीक्षा को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया और मामले की जांच STF को सौंपी गई.
STF की जांच में सामने आया कि पेपर लीक करने की साजिश पूर्व नियोजित थी. गिरफ्तार आरोपी नमन शाम्बरी ने पूछताछ में बताया कि उसकी पहचान राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश नामक लोगों से हुई थी, जिन्होंने उससे 10-12 लाख रुपये की मांग की थी और RO/ARO परीक्षा का पेपर लीक करवाने का वादा किया था. आरोप है कि 9 फरवरी को उसे व्हाट्सएप पर प्रश्नपत्र भेजा गया और 11 फरवरी को आगरा सेंटर पर वही प्रश्न परीक्षा में आए. इसके बाद राजीव और सुभाष की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही नमन ने सारे सबूत मोबाइल से डिलीट कर दिए और फरार हो गया.
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वहीं शाहिद सिद्दीकी ने पूछताछ में बताया कि वाराणसी में सुभाष प्रकाश से उसकी मुलाकात हुई थी. उसे भी पेपर लीक कराने के बदले में लाखों रुपये देने को कहा गया था. शाहिद ने एडवांस के तौर पर एक लाख रुपये नकद, एक ब्लैंक चेक और अपनी शैक्षणिक प्रमाणपत्र भी गिरोह को सौंपे थे.
STF की दो टीमों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. एक टीम भोपाल में तैनात थी, जिसमें उपनिरीक्षक मनोज कुमार और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे, जबकि दूसरी टीम मुगलसराय (चंदौली) में थी. दोनों आरोपियों को 9 अप्रैल को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया.
बता दें कि RO/ARO जैसी परीक्षाएं उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाने का बड़ा जरिया मानी जाती हैं. हर साल लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होते हैं. पेपर लीक जैसी घटनाएं न केवल मेहनती युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करती हैं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी सवाल खड़ा करती हैं.
फिलहाल STF की जांच जारी है और पूरे पेपर लीक नेटवर्क की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं. इस मामले में पहले से गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ भी चल रही है. STF के अनुसार, और भी गिरफ्तारियां संभव हैं.
Source: IOCL























