सीमांत गांवों के लिये देवदूत बनकर आये रिटायर्ड अफसर....सैनिटाइजर से लेकर खाने-पीने का सामान पहुंचा रहे हैं
कोरोना वायरस के कहर के चलते उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वालों के लिये बुरा दौर है। खाने-पीने के सामान की दिक्कते आ रही हैं। ऐसे में रिटायर हो चुके अफसरों ने सराहनीय फैसला लिया है
हलद्वानी, एबीपी गंगा। कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन होने से पर्वतीय जिलों के सीमांत गांव की हालत बहुत ज्यादा ठीक नहीं है। बागेश्वर के कपकोट और पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी समेत अन्य दर्जनों गांव में परेशान ग्रामीणों की मदद के लिए रिटायर्ड अफसर आगे आए हैं। अलग-अलग पदों से सेवानिवृत्त हो चुके इन लोगों को जैसे ही यह जानकारी मिली कि इनके गांव समेत अन्य गांवों में खाद्यान्न और अन्य चीजों का संकट गहरा रहा है, सब लोग एकजुट हुए।
ग्रामीणों की मदद के लिए रिटायर्ड अफसर देवदूत बनकर सामने आए हैं। करीब 2000 से ज्यादा परिवारों के लिए सैनिटाइजर, मास्क, पानी समेत खाद्यान्न सामग्री के साथ करीब पूरी टीम आज प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो गए हैं। ग्रामीणों के लिए ऑपरेशन मदद की कमान रिटायर्ड आईजी एवं उपाध्यक्ष जनजाति आयोग गणेश सिंह मर्तोलिया ने संभाली है। उन्होंने जानकारी देते हुये कहा कि सीमांत गांव में ग्रामीण खाद्य- रसद जैसी सामग्री के लिए जूझ रहे हैं, इसलिए सबसे पहला मकसद तो यह है कि उनकी परेशानी को हल किया जाए।
जल्द से जल्द राहत सामग्री भिजवाई जाए जिसके चलते बुधवार को दो ट्रक राहत सामग्री सीमांत गांवों के लिए रवाना कर दी गई है। साथ ही सीमांत ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर यह देखा जाएगा कि ग्राउंड पर क्या हालात हैं, गांव की हालात का जायजा लिया जाएगा और सेकेंड फेज में क्या क्या मदद की जा सकती है इसको लेकर आगामी रणनीति भी तैयार की जाएगी।
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets