Chardham Yatra 2025: चारधाम यात्रा की धूम पूरी दुनिया में, अब तक 150 देशों से हुए रजिस्ट्रेशन
Chardham Yatra 2025: देवभूमि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा एक बार फिर दुनियाभर के श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन गई है. अब तक 150 से अधिक देशों के 31,581 श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया.

Chardham Yatra 2025: देवभूमि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा एक बार फिर दुनियाभर के श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन गई है. इस बार यात्रा की शुरुआत से ही न सिर्फ देशभर से, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की इस यात्रा का हिस्सा बनने के लिए पहुंच रहे हैं. पर्यटन विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़े बताते हैं कि अब तक 150 से अधिक देशों के 31,581 श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है जब की देश भर से लाखों श्रद्धालु चार धाम यात्रा के लिए पहुंच रहे है.
यहां बता दें कि चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से विधिवत शुरू हो चुकी है और 14 मई तक ही 7.18 लाख से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के दर्शन कर चुके हैं. इसके अतिरिक्त सिख श्रद्धालुओं के पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा को लेकर भी गहरी उत्सुकता देखी जा रही है.
सबसे अमेरिका से पंजीकरण
पर्यटन विभाग के मुताबिक अमेरिका से सबसे अधिक 5864 लोगों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है. इसके बाद नेपाल से 5728, यूके से 1559, ऑस्ट्रेलिया से 1259, कनाडा से 888, मॉरिशस से 837 और इंडोनेशिया से 327 श्रद्धालु पंजीकरण कर चुके हैं. यात्रा पंजीकरण के नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने बताया कि इस बार दुनियाभर से श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक है. हर दिन पंजीकरण के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं.
प्राकृतिक और आध्यात्मिक महत्व
धार्मिक महत्व के साथ-साथ उत्तराखंड की हिमालयी वादियों की शांति, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक वातावरण विदेशी श्रद्धालुओं को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. केदारनाथ के लिए 11,576, बदरीनाथ के लिए 9,320, गंगोत्री के लिए 5,542, यमुनोत्री के लिए 4,869 और हेमकुंड साहिब के लिए 274 विदेशी श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है.
अब ऑफलाइन पंजीकरण पर जोर
ऑनलाइन पंजीकरण के स्लॉट तेजी से भरने के कारण बड़ी संख्या में लोग ऑफलाइन पंजीकरण की ओर रुख कर रहे हैं. हरिद्वार, ऋषिकेश, हरबर्टपुर और विकासनगर जैसे स्थानों पर प्रतिदिन 18 हजार से अधिक यात्रियों का ऑफलाइन पंजीकरण किया जा रहा है. पर्यटन विभाग का मानना है कि यह रुझान न सिर्फ प्रदेश के पर्यटन को नया विस्तार देगा, बल्कि उत्तराखंड की वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा. साथ ही, इस बार की यात्रा में तकनीकी और व्यवस्थागत सुधारों ने श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा और अनुभव प्रदान किया है.
सांस्कृतिक विरासत का संगम
चारधाम यात्रा एक बार फिर यह साबित कर रही है कि श्रद्धा, प्रकृति और सांस्कृतिक विरासत का यह संगम दुनिया भर के लोगों को जोड़ने की अद्भुत ताकत रखता है.
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