रमजान के आगाज पर मस्जिदों से गूंजी इबादत की सदा, हेल्पलाइन नंबर जारी, बाजारों में छाई रौनक
Ramadan 2025: रमजान की आमद के साथ ही गोरखपुर के बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है. कल देर शाम चांद देखने के बाद लोगों ने तरावीह की नमाज अदा की और सहरी और इफ्तारी के लिए खरीदारी की.

Gorakhpur News Today: चांद देखने के बाद माहे रमजान के पवित्र माह का आगाज हो चुका है. इसके बाद कल देर शाम मस्जिदों में पहली तरावीह की नमाज अदा की गई. रमजान के आगाज के साथ ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है. आज यानी रविवार (2 मार्च) को पहला रोजा है, इस दौरान रोजेदार सुर्योदय से सूर्यास्त तक अन्न जल त्याग कर रोजा रहेंगे.
इससे पहले शनिवार (1 मार्च) की शाम माह-ए-रमजान का चांद देखा गया, जिसके साथ ही रमजान शरीफ का पहला अशरा 'रहमत' का शुरु हो गया. रविवार 2 मार्च को पहले रोजा के साथ पवित्र माह की शुरुआत हो गई है. एक महीने बाद खुशियों का त्योहार ईद परंपरा के अनुसार मनाया जाएगा. रमजान का पहला रोजा सबसे छोटा और अंतिम रोजा सबसे बड़ा होगा. रमजान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. बाजार में रौनक बढ़ गई है.
बाजार और मस्जिदों में छाई रौनक
रमजान की आमद से शहर में रौनक छा गई. मुस्लिम समाज में खुशियां फैल गई. लोगों ने एक-दूसरे को रमजान की मुबारकबाद पेश की. सोशल मीडिया पर रमजान की खास दुआ और मुबारकबाद के मैसेज शेयर किए जा रहे हैं. सभी लोग अल्लाह की इबादत में जुट गए और अपने गुनाहों की माफी मांग रहे हैं.
शनिवार को चांद के साथ ही तरावीह नमाज भी शुरु हो गई. पुरुषों ने मस्जिद में तरावीह की नमाज अदा की जबकि महिलाओं ने घरों में तरावीह की नमाज पढ़ी. नमाज, कुरआन-ए-पाक की तिलावत, तस्बीह और दुआ का सिलसिला चल पड़ा, जो लगातार एक माह तक जारी रहेगा. लोग अल्लाह के हम्द ओ सना की और इबादत में जुट गए हैं.
सहरी- इफ्तारी की खास तैयारी
इससे पहले देर रात तरावीह की नमाज खत्म होने के बाद लोग रविवार से शुरु होने वाले रोजे की सहरी और इफ्तार की तैयारियों में जुट गए. चांद दिखने के बाद सहरी की तैयारी ने बाजारों की रौनक बढ़ा दी. तुर्कमानपुर, उर्दू बाजार, जाफरा बाजार, नखास चौक, इलाहीबाग और गोरखनाथ जैसे इलाकों में सहरी और इफ्तार के सामानों के लिए पहले से सजी दुकानों पर भीड़ देखने को मिली.
रमजान की आमद पर मोहल्ले के नुक्कड़ पर भी लोग उत्साह से लबरेज दिखे. कहीं सेवईयां खरीदी जा रही थीं तो कहीं खजूर. सेवईयों और खजूर की क्वॉलिटी को लेकर लोग संजीदा दिखे. यह रौनक पूरे एक माह तक बरकरार रहेगी. रविवार से रमजान में सहरी और इफ्तार के दस्तख्वान पर सजे लजीज पकवान, शर्बत, फल, खजूर वगैरा रोजेदार का इस्तकबाल करते नजर आएंगे.
बाजारों में बढ़ी रौनक
रमजान के पवित्र माह में मस्जिदों और बाजार में रौनक बढ़ गई है. गाजी रौजा, रहमतनगर, नखास, तुर्कमानपुर, पुराना गोरखपुर, जमुनहिया बाग, अहमदनगर चक्शा हुसैन, रसूलपुर, गोरखनाथ, जाफरा बाजार, रेती चौक, बक्शीपुर, इलाहीबाग, तिवारीपुर, पिपरापुर में सहरी और इफ्तार के लिए विशेष दुकानें लगाई गई हैं.
इसी तरह साहबगंज, घंटाघर, नखास में भी बाजार गुलजार हैं. पवित्र रमजान के आने की खुशी से बाजार में रौनक दिखने लगी है. खासकर उर्दू बाजार, शाहमारूफ, घंटाघर, गोलघर, रेती, जाफरा बाजार, गोरखनाथ और नखास की भीड़ भाड़ और लोगों का उत्साह देखते ही बनती है.
रमजान हेल्पलाइन नंबर जारी
माह-ए-रमजान को लेकर हेल्पलाइन नंबर 9454674201 जारी किया गया है. इस मोबाइल नंबर पर नमाज, रोजा, सदका, जकात, फितरा, एतिकाफ, शबे कद्र सहित तमाम दीनी सवालों का जवाब मिलेगा. यह जानकारी कारी मुहम्मद अनस रजवी ने दी है. उन्होंने बताया कि रोजेदार सुबह दस से दोपहर 12:30 बजे तक, दोपहर तीन से शाम 5:30 तक और रात साढ़े दस से रात 12:00 बजे तक ही कॉल करें. व्हाट्सएप पर मैसेज के जरिए भी दीनी सवाल पूछा जा सकता है.
यहां पढ़ी गई तरावीह की नमाज
शनिवार को जिले की सभी मस्जिदों और कुछ मदरसों में तरावीह की नमाज अदा की गई. दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर, बिलाल मस्जिद अलहदादपुर, मस्जिद जामे नूर जफ़र कॉलोनी बहरामपुर, बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, गाजी मस्जिद गाजी रौजा, मदीना मस्जिद रेती सहित जिले की सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदब व एहतराम के साथ अदा की गई.
दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद और मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया में नमाजियों की भीड़ उमड़ पड़ी. हाफिज रहमत अली निजामी, मौलाना महमूद रजा, कारी शराफत हुसैन, कारी मोइनुद्दीन, हाफिज सद्दाम हुसैन, कारी अंसारुल हक, हाफिज सैफुल्लाह निजामी आदि ने तरावीह की नमाज पढ़ाई.
'रोजा न रखना बहुत बड़ा गुनाह'
मुफ्ती मुहम्मद शुएब रजा निजामी ने बताया कि इस्लाम धर्म के सबसे पाक माह रमजान की शुरुआत चांद के दीदार के साथ होती है. उन्होंने बताया कि रमजान शरीफ का महीना दीन-ए-इस्लाम में खास अहमियत रखता है. इस माह में इस्लाम धर्म के मानने वाले पूरा महीना रोजा रखते हैं. अल्लाह की इबादत करते हैं.
मुफ्ती मुहम्मद शुएब रजा निजामी के मुताबिक, इस पाक महीने मे रोजा रखने वाले रोजेदार सुबह सादिक से पहले तक सहरी करके रोजे की नीयत करके रोजा रखने की शुरुआत करते हैं. शाम को सूरज छिपने के बाद इफ्तार करते हैं. रोजा न रखना बहुत बड़ा गुनाह है. रोजा का इंकार करने वाला इस्लाम धर्म से खारिज है. उन्होंने कहा कि रमजान के रोजे फर्ज हैं.
'रमजान रहमत- बरकत का महीना'
इंजीनियर हेरा ने बताया कि इस्लाम धर्म में माह-ए-रमजान बेहद खास है. हर बालिग मुसलमान मर्द, औरत जो अक्ल वाला और तंदुरुस्त हो उस पर रमजान के रोजे रखना फर्ज है, जो मुसलमान रोजा नहीं रखता है वह अल्लाह की रहमत से महरूम रहता है. रोजा न रखने पर वह शख्स अल्लाह की नाफरमानी करता है.
इंजीनियर हेरा ने आगे बताया कि रमजान बहुत ही रहमत और बरकत वाला महीना है. अल्लाह के बंदे दिन में रोजा रखते हैं और रात में खास नमाज तरावीह पढ़ते हैं. इस माह में मुसलमान कसरत से जकात, सदका, फितरा (एक प्रकार का दान) निकाल कर गरीब, यतीम, बेसहारा, बेवाओं की मदद करते हैं. उन्होंने कहा कि रोजे की हालात में किसी की बुराई करने और सुनने, बुरा देखने, बुरा करने से बचना चाहिए.
सहरी और इफ्तार टाइम
पहला रोजा (2 मार्च 2025)
सहरी - 4:56 बजे सुबह
इफ्तार - 6:03 बजे शाम
दूसरा रोजा (3 मार्च 2025)
सहरी - 4:55 बजे सुबह
इफ्तार - 6:04 बजे शाम
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Source: IOCL























