बीजेपी सांसद डॉ. के लक्ष्मण बोले- 'जाति जनगणना के फैसले ने राजनीति में रचा नया इतिहास'
UP News: जाति जनगणना के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर बीजेपी ने लखनऊ में एक गोष्ठी का आयोजन किया. जिसमें राज्यसभा सांसद और भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण मुख्य अतिथि रहे.

Lucknow News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जातीय जनगणना कराने के ऐतिहासिक फैसले पर बुधवार को राजधानी लखनऊ के सहकारिता भवन में एक संगोष्ठी और आभार सभा आयोजित की गई. इस कार्यक्रम का आयोजन भाजपा ओबीसी मोर्चा द्वारा किया गया, जिसमें देशभर के पिछड़ा वर्ग नेताओं ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद और भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण रहे, जबकि अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री श्री नरेंद्र कश्यप ने की.
सभा को संबोधित करते हुए डॉ. के. लक्ष्मण ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जातीय जनगणना कराने का फैसला कर देश की राजनीति में एक नया इतिहास रचा है. उन्होंने कहा कि इससे देश के पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों को अपनी वास्तविक संख्या जानने और उसके अनुपात में संवैधानिक अधिकारों की मांग का हक मिलेगा. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस, सपा और अन्य दलों ने हमेशा जातीय जनगणना को टालने का काम किया, लेकिन अब जब मोदी सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है, तो वे श्रेय लेने की होड़ में लगे हैं.
कांग्रेस पर गंभीर आरोप, “4893 करोड़ खर्च कर भी नहीं दी जातियों की गिनती”
डॉ. लक्ष्मण ने बताया कि 2011 में कांग्रेस सरकार ने जातीय सर्वेक्षण पर 4893.60 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन आंकड़े आज तक नहीं बताए गए क्योंकि उसमें 8.19 करोड़ गलतियां पाई गईं. उन्होंने कहा कि अगर गांधी परिवार की नीयत साफ होती, तो पिछड़े वर्ग को आजादी के तुरंत बाद ही आरक्षण मिल गया होता.
“गांधी परिवार ने हमेशा किया पिछड़ों का विरोध”
उत्तर प्रदेश के मंत्री और ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप ने कहा कि देश में पिछड़े वर्ग के लोगों के बीच आज खुशी का माहौल है. लोग लड्डू बांट रहे हैं, ढोल नगाड़े बजा रहे हैं, क्योंकि अब उन्हें सामाजिक न्याय और सम्मान मिल सकेगा. उन्होंने कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि नेहरू ने काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं की, इंदिरा-राजीव ने मंडल आयोग का विरोध किया. अगर 1990 में भाजपा बी.पी. सिंह सरकार का समर्थन न करती, तो देश में 27% ओबीसी आरक्षण भी नहीं मिलता.
नरेंद्र कश्यप ने कहा कि मोदी सरकार ने ओबीसी समाज के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं – जिनमें ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा, नीट परीक्षा में 27% आरक्षण, सैनिक स्कूलों में ओबीसी आरक्षण, क्रीमीलेयर की सीमा 8 लाख तक बढ़ाना, केंद्र सरकार में 27% ओबीसी मंत्री बनाना शामिल है.
“अब हर राज्य में होगा पिछड़ों के विकास का प्लान”
ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री संगम लाल गुप्ता और प्रदेश महामंत्री एमएलसी रामचंद्र प्रधान ने कहा कि जातीय जनगणना से हर राज्य को यह जानकारी मिलेगी कि उसके यहां कितने ओबीसी हैं, जिससे उनके लिए नौकरी, शिक्षा, व्यवसाय और अन्य योजनाएं बनाना आसान होगा.
भारत में आखिरी जातीय जनगणना 1931 में हुई थी. उसके बाद से पिछड़ा वर्ग अपनी संख्या को लेकर अनिश्चितता में था. मोदी सरकार के इस फैसले से ओबीसी समाज को पहली बार भरोसे के साथ अपने अधिकारों की आवाज उठाने का मौका मिलेगा. कार्यक्रम में भाजपा विधायक रामरतन कुशवाहा, जिलाध्यक्ष विजय मौर्य, ओबीसी मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी संजय भाई पटेल, ऋषि चौरसिया, नीरज गुप्ता और विजय गुप्ता सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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