जातीय जनगणना को लेकर राज बब्बर ने पूछे 3 जरूरी सवाल, कहा- यह सिर्फ चुनाव और पॉलिटिक्स से जुड़ा नहीं
पूर्व सांसद राज बब्बर ने जातीय जनगणना के ऐलान पर कुछ सवाल उठाए हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि यह समय श्रेय लेने का नहीं है.

UP Politics: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और पूर्व सांसद राज बब्बर ने जातीय जनगणना को लेकर एक ओर जहां लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को शुक्रिया अदा किया है तो वहीं सरकार के 3 सवाल भी पूछे हैं. इतना ही नहीं पूर्व सांसद ने कहा है कि इस पर श्रेय लेने की होड़ नहीं मचनी चाहिए.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर बब्बर ने लिखा- जातीय जनगणना का सवाल सिर्फ़ चुनाव और पॉलिटिक्स से जुड़ा हुआ नहीं है. तमाम दलित और पिछड़ी जातियां जिनतक आज भी आरक्षण से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुँचा उन्हें अगर ये लाभ पहुँचाना है तो उनकी गिनती ज़रूरी है.
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'जो 'हेडलाइन' बनाई है उसकी...'
उन्होंने लिखा कि ये संतोष की बात है कि राहुल गांधी ने जनसंख्या और हिस्सेदारी के सवाल को सही समय पर उठाकर सरकार पर वो दबाव बनाया जो क्षेत्रीय दल अपने प्रयासों के बावजूद नहीं बना पा रहे थे.
सरकार से सवाल पूछते हुए बब्बर ने कहा कि बधाई सबको लेकिन ये समय श्रेय लेने की होड़ का नहीं - बल्कि ये सुनिश्चित करने का है कि मोदीजी नें जातीय जनगणना पर जो 'हेडलाइन' बनाई है उसकी 'डेडलाइन' क्या है - कब से शुरू हो रही है जातीय जनगणना और आकड़ों के आने के बाद सरकार की योजना क्या है?
क्या बोले कांग्रेस सांसद?
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि कांग्रेस के दबाव की वजह से केंद्र सरकार देश में जाति-जनगणना कराने के लिए मजबूर हो गई. बुधवार को केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि देश में जाति-जनगणना कराई जाएगी. इस फैसले के बाद से कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित अन्य क्षेत्रीय दलों में श्रेय लेने की होड़ मच गई है. गुरुवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान, जाति जनगणना के श्रेय लेने पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी केवल निर्णय की घोषणा की है. राहुल गांधी ने तो बुधवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में एक पूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
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