पहलगाम में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिवार से मिले राहुल गांधी, शहीद का दर्जा दिलाने का दिया आश्वासन
UP News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी बहन और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी से भी फोन पर शुभम के परिजनों की बात कराई. प्रियंका गांधी ने भी शहीद का दर्जा दिलाने में हरसंभव मदद करने का भरोसा दिलाया.

Rahul Gandhi Met Shubham Dwivedi Family: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कानपुर का एक लाल भी शहीद हुए हैं. शुभम द्विवेदी के परिवार से मिलने और उन्हें अपना श्रद्धासुमन अर्पित करने कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज बुधवार (30 अप्रैल) को उनके घर पहुंचे थे. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी करीब 25 मिनट तक परिजनों के साथ रहे. सबसे पहले उन्होंने शुभम की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी, फिर परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर घटना की जानकारी ली. उन्होंने शुभम की पत्नी से पूरी घटना विस्तार से सुनी कि कैसे हादसा हुआ, किन परिस्थितियों में यह सब घटा.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुभम की मां, पिता, भाई सहित उन तमाम लोगों से बातचीत की जो इस ट्रिप का हिस्सा थे. इस दौरान परिजनों ने अपनी मांग भी राहुल के सामने रखी. शुभम की पत्नी समेत सभी ने शुभम को शहीद का दर्जा देने की मांग की, जिस पर राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाएंगे और इसके लिए उन्हें पत्र भी लिखेंगे.
राहुल का आना हमारे लिए एक बड़ी सांत्वना- शुभम के पिता
राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी से भी फोन पर शुभम के परिजनों की बात कराई. प्रियंका गांधी ने भी शहीद का दर्जा दिलाने में हरसंभव मदद करने का भरोसा दिलाया. शुभम के पिता ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि राहुल का आना हमारे लिए एक बड़ी सांत्वना है. उन्होंने हमें भरोसा दिलाया है कि शुभम को शहीद का दर्जा मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग को भी आगे पहुंचाने को कहा. शुभम की मां ने भी यही मांग दोहराई और कहा, जिस तरह से मेरा बेटा गया, अब हमें उसका बदला चाहिए.
नीचे मौजूद लोग ऊपर भेजने के लिए कर रहे थे प्रेरित
वहीं शुभम द्विवेदी के जीजा शुभम दुबे, जो इस ट्रिप में शामिल थे और जिनका जन्मदिन मनाने के लिए ये पूरी ट्रिप की प्लानिंग हुई थी ने बताया कि यह यात्रा उनके जन्मदिन के मौके पर प्लान की गई थी. दुबे के अनुसार वे भी घोड़े पर चढ़कर ऊपर जा रहे थे, लेकिन रास्ता कठिन लगने पर बीच से लौट आए. उन्होंने आरोप लगाया कि वहां नीचे कई लोग उन्हें ऊपर भेजने के लिए प्रेरित कर रहे थे और उनका मानना है कि यह एक सोची-समझी साजिश थी. बात दें कि परिवार की ओर से अब केंद्र सरकार से मांग की जा रही है कि शुभम द्विवेदी को आधिकारिक तौर पर शहीद का दर्जा दिया जाए और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.
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