Prayagraj: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों का आमरण अनशन 16वें दिन भी जारी, आर-पार की लड़ाई को हैं तैयार
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों के आमरण अनशन को आज 16 दिन पूरे हो गए हैं. ये छात्र फीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने आज कुलपति का पुतला भी जलाया है.

UP News: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Allahabad Central University) के छात्रों का फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन लगातार जारी है. छात्रों के आमरण अनशन का आज सोलहवां दिन है. आज भी बड़ी संख्या में छात्र यूनिवर्सिटी के छात्र संघ (Students Union) भवन पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज से छात्र संघ के निवर्तमान उपाध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) समेत पांच नए छात्रों ने आमरण अनशन शुरू किया है. आंदोलन कर रहे छात्रों का साफ तौर पर कहना है कि वह आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं और कतई पीछे नहीं हटेंगे.
कुलपति संगीता श्रीवास्तव का जलाया गया पुतला
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन भले ही संवेदनहीन बना हुआ हो और अड़ियल रवैया अपनाए हुआ हो, लेकिन इसके बावजूद छात्रों का आंदोलन लगातार जारी रहेगा. प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने आज वीसी ऑफिस पर कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव का पुतला भी जलाया. आमरण अनशन के सोलहवें दिन आज छात्रों का आंदोलन शांतिपूर्वक तरीके से चल रहा है. पिछले कई दिनों के आंदोलन में जमकर हंगामा हो रहा था. आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन के सिर पर कतई जूं नहीं रेंग रही है, लेकिन इसके बावजूद छात्रों के हौसले कतई डिगे नहीं है.
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कई छात्रों की हालत बिगड़ी
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 31 अगस्त को कार्य परिषद की बैठक बुलाकर रेगुलर कोर्स की फीस चार गुना तक बढ़ा दी थी. इसके साथ ही पीएचडी की फीस 15 गुना बढ़ा दी गई थी. इसके विरोध में यूनिवर्सिटी के छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों ने 5 सितंबर से आमरण अनशन शुरू कर दिया था. आमरण अनशन पर बैठे कई छात्रों की हालत अब तक बिगड़ चुकी है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. छात्रों का कहना है इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए आने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स मध्यमवर्गीय और किसान परिवार से आते हैं. ऐसे में चार गुना बढ़ी हुई फीस को वह नहीं भर पाएंगे.
यूनिवर्सिटी ने फीस वृद्धि पर दी यह दलील
यूनिवर्सिटी प्रशासन की दलील है कि उसने ट्यूशन फीस 100 साल के बाद बढ़ाई है. ऐसा करना उसकी मजबूरी थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपने बचाव में यह भी कहा है कि मौजूदा छात्रों से बढ़ी हुई फीस नहीं ली जाएगी इसलिए विरोध का कोई औचित्य नहीं है. छात्रों के लगातार हंगामे और आंदोलन के चलते यूनिवर्सिटी ने पोस्टग्रेजुएट क्लासेज में एडमिशन की प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी है.
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Source: IOCL























