यूपी: संविदा पर नौकरी के प्रस्ताव पर क्यों मचा है हंगामा, जानिए- क्या हैं विपक्ष के सवाल?
कार्मिक विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, समूह ख व समूह ग की भर्तियों में चयन होने के बाद कर्मियों को शुरुआती पांच वर्ष तक संविदा के आधार पर नियुक्त किया जाएगा. इन पांच सालों में हर 6 महीने में कर्मियों का मूल्यांकन किया जाएगा.

लखनऊ. यूपी में समूह ख और समूह ग की सरकारी नौकरियों को लेकर लाए गए प्रस्ताव पर हंगामा शुरू हो गया है. कार्मिक विभाग की ओर से लाए गए प्रस्ताव को लेकर विपक्षी नेता योगी सरकार को तानाशाह तक करार दे रहे हैं. तो वहीं, इस प्रस्ताव के पीछे सरकार की भी अपनी दलीलें हैं. आज आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे कि कार्मिक विभाग का प्रस्ताव क्या है, जिस पर इतना हंगामा हो रहा है. साथ ही आपको बताएंगे कि विपक्षी दल सरकार से क्या सवाल कर रहे हैं.
क्या है प्रस्ताव? कार्मिक विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, समूह ख व समूह ग की भर्तियों में चयन होने के बाद कर्मियों को शुरुआती पांच वर्ष तक संविदा के आधार पर नियुक्त किया जाएगा. इन पांच सालों में हर 6 महीने में कर्मियों का मूल्यांकन किया जाएगा. साल के अंत तक 60 फीसदी अंक लाने जरूरी होंगे. इन पांच सालों में उन्हें कोई अतिरिक्त लाभ भी नहीं मिलेगा. नई व्यवस्था के तहत पांच वर्ष बाद ही कर्मचारियों की मौलिक नियुक्ति की जाएगी.
सरकार का पक्ष इस प्रस्ताव के पीछे तर्क है कि इस व्यवस्था से कर्मचारियों की दक्षता बढ़ेगी साथ ही उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ेगी. इसके अलावा इससे सरकार पर वेतन का बोझ भी हल्का होगा.
क्या कहता है विपक्ष? वहीं, इस प्रस्ताव के विरोध में विपक्षी दल लामबंद दिखाई दे रहा है. ओपी राजभर से लेकर प्रियंका गांधी तक सभी नेता इसकी खिलाफत में उतर आए हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर ने इसे तानाशाही भरा फैसला बताया है. तो वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने सरकार से इसका उद्देश्य पूछा है.
क्या बोले राजभर? ओपी राजभर ने ट्वीट कर कहा, "उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की नई व्यवस्था लागू करने की यह सोच "तानाशाही भरा कदम" है. पिछड़े, दलित,वंचित वर्गों के युवाओं को पुनः ग़ुलामी, शोषण की ओर धकेलने का नया तरीका है. पहले से विभिन्न विभागों में स्थापित अफ़सरों की मनमानी बढ़ेगी.युवाओं पर अत्याचार बढ़ेगा.
#उत्तरप्रदेश में सरकारी नौकरी की नई व्यवस्था लागू करने की यह सोच "तानाशाही भरा कदम" है। पिछड़े, दलित,वंचित वर्गों के युवाओं को पुनः ग़ुलामी, शोषण की ओर धकेलने का नया तरीका है। पहले से विभिन्न विभागों में स्थापित अफ़सरों की मनमानी बढ़ेगी.युवाओं पर अत्याचार बढ़ेगा,1/1
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) September 13, 2020
"कर्मचारियों का शोषण होगा" राजभर ने अगले ट्वीट में कहा कि इन वर्गों के कर्मचारियों का शोषण होगा, उनके साथ अत्याचार होगा. पहले से ऐसे कई नियम-क़ानून है, जिसमें भ्रष्टाचार शोषण अत्याचार देखने को मिला है. योगी सरकार देशभक्ति की आड़ में युवाओं को गुमराह करने में लगी है जबकि योगी सरकार पूर्व में अटकी हुई भर्तियों को अब तक पूरा नहीं कर पाई. और नई नीति बनाकर मनमाने ढंग से नौकरी में ठेकेदारी प्रथा प्रारम्भ कर युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने की योजना बना ली है.
इन वर्गों के कर्मचारियों का शोषण होगा,उनके साथ अत्याचार होगा. पहले से ऐसे कई नियम-क़ानून है,जिसमें भ्रष्टाचार शोषण अत्याचार देखने को मिला है। योगी सरकार देशभक्ति की आड़ में युवाओं को गुमराह करने में लगी है जबकि योगी सरकार पूर्व में अटकी हुई भर्तियों को अब तक पूरा नहीं कर पाई ।2/2
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) September 13, 2020
नई नीति युवाओं को 5 साल सेवा मूल्यांकन के आड़ में शोषण, अत्याचार करनें की रणनीति है. सुभासपा सरकारी नौकरी को 5 वर्ष तक संविदा पर किए जाने का पुरजोर विरोध करती है.
प्रियंका ने पूछा, क्या है उद्देश्य? प्रियंका गांधी ने भी इस प्रस्ताव को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "संविदा = नौकरियों से सम्मान विदा 5 साल की संविदा= युवा अपमान कानून. माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पहले भी इस तरह के कानून पर अपनी तीखी टिप्पणी की है. इस सिस्टम को लाने का उद्देश्य क्या है? सरकार युवाओं के दर्द पर मरहम न लगाकर दर्द बढ़ाने की योजना ला रही है.
संविदा = नौकरियों से सम्मान विदा
5 साल की संविदा= युवा अपमान कानून माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पहले भी इस तरह के कानून पर अपनी तीखी टिप्पणी की है। इस सिस्टम को लाने का उद्देश्य क्या है? सरकार युवाओं के दर्द पर मरहम न लगाकर दर्द बढ़ाने की योजना ला रही है।#नहीं_चाहिए_संविदा — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 15, 2020
किस बात का बदला ले रहे सीएम : सपा इसके अलावा सपा ने भी योगी सरकार को आड़े हाथ लिया है. सपा ने कहा कि 5 साल तक संविदा। 50 साल में जबरन रिटायरमेंट। 5 साल का बहुमत लेकर आई भाजपा ने साढ़े 3 साल में ही यूपी से रोजगार का खात्म करने पर आमादा है! किस बात का बदला ले रहे हैं सीएम दें जवाब?
5 साल तक संविदा।
50 साल में जबरन रिटायरमेंट। 5 साल का बहुमत लेकर आई भाजपा ने साढ़े 3 साल में ही यूपी से रोजगार का खात्म करने पर आमादा है! किस बात का बदला ले रहे हैं सीएम दें जवाब? pic.twitter.com/jbxaYiOSjr — Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 15, 2020
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