नोएडा: सीवर सफाई के दौरान बड़ी लापरवाही, दो सफाई कर्मियों की मौत, ठेकेदार-सुपरवाइजर गिरफ्तार
Noida News: हादसा उस समय हुआ जब ठेकेदार पुष्पेंद्र और सुपरवाइजर अजीत ने बिना किसी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए दोनों को सफाई के लिए सीवर टैंक में उतार दिया.न तो सुरक्षा रस्सी थी, न ऑक्सीजन मास्क.

नोएडा के सेक्टर-115 स्थित सीवरेज पंपिंग स्टेशन पर हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया. सीवर टैंक की सफाई के दौरान दो सफाईकर्मी, 24 वर्षीय खुशहाल और उसका चचेरा भाई 26 वर्षीय विकास, 12 मीटर गहरे टैंक में गिर गए. दम घुटने और डूबने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. सूचना मिलते ही थाना सेक्टर-113 पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
मृतक प्राइवेट ठेकेदार के लिए काम करते थे.
यह हादसा उस समय हुआ जब ठेकेदार पुष्पेंद्र और सुपरवाइजर अजीत ने बिना किसी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए दोनों को सफाई के लिए सीवर टैंक में उतार दिया, न तो सुरक्षा रस्सी थी, न ऑक्सीजन मास्क, और न ही किसी प्रकार की सेफ्टी व्यवस्था. इस लापरवाही की कीमत दोनों मजदूरों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.
ठेकेदार जानबूझकर मानकों की अनदेखी करता था
मृतक खुशहाल के भाई बृजेश कुमार ने पुलिस को दी तहरीर में स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि ठेकेदार ने जानबूझकर सुरक्षा मानकों की अनदेखी की. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए ठेकेदार और सुपरवाइजर को गिरफ्तार कर लापरवाही से मौत का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है.
छह साल पहले हुई थी शादी
खुशहाल की शादी छह वर्ष पहले हुई थी. उसके परिवार में पत्नी के अलावा पांच और दो वर्ष की दो बेटियां हैं. वहीं विकास की शादी भी पांच वर्ष पूर्व हुई थी और उसकी एक चार वर्षीय बेटी है। दोनों की पत्नियां गर्भवती हैं. इस दर्दनाक हादसे ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है. घर में मातम का माहौल है और परिजन का रो-रोकर बुरा हाल हैं.
यह घटना केवल परिवारों की नहीं, बल्कि नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही उजागर करती है.
प्राधिकरण पर उठ रहे सवाल
कही ना कहीं यह पूरे समाज की पीड़ा को उजागर करती है. सवाल उठता है कि आखिर कब तक मजदूरों को बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवर जैसी खतरनाक जगहों पर धकेला जाता रहेगा,नोएडा प्राधिकरण प्रशासन और ठेकेदारों की लापरवाही ने एक बार फिर मजदूर सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
आखिर इस बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन इन दो बेगुनाह मजदूरों की मौत का जिम्मेदार आखिर कौन ? प्राधिकरण प्रशासन या वह लापरवाह अफसर जो मजदूरों को बगैर सेफ्टी के मनको को तक पर रखकर भोले भाले मजदूर को जान जोखिम में डालकर काम करते हैं ?
आखिर कब जागेगा यह सिस्टम, ऐसे ही क्या मजदूर की जान जाती रहेगी. सरकार को लेबर एक्ट के तहत कंपनियां व प्रशासनिक कार्यालय सभी जगह अभियान चलाना चाहिए कि क्या लेबर मनको के के तहत सभी जगह कार्य किया जा रहे हैं. अगर ऐसा नहीं है तो एक अभियान चलाना चाहिए. जो कंपनियां या कार्यालय लेबर एक्ट के तहत कार्य नहीं कर रहे. तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
सुपरवाइजर को भेजा जेल
फिलहाल पुलिस ने मामले में ठेकेदार और सुपरवाइजर को जेल भेज दिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है. परंतु मृतकों के परिवार के लिए यह गहरी घटना कभी न भरने वाला घाव छोड़ गई है.
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