उत्तरकाशी में बादल फटने से आपदा पर अखिलेश यादव के नेता का विवादित बयान, एसटी हसन की इस टिप्पणी पर भड़की BJP
Moradabad News:डॉ हसन ने अपने बयान में कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में दूसरे के मज़हब का कोई भी सम्मान नहीं हो रहा है. किसी भी धार्मिक स्थल के ऊपर बुल्डोजर नहीं चलना चाहिए.

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी से पूर्व सांसद डॉ एसटी हसन ने एक और विवादित बयान दिया है. जिसमें उन्होंने हालिया उत्तरकाशी और हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा को धार्मिक स्थलों पर हुई बुल्डोजर कार्रवाई से जोड़ा है. इस बयान ने तूल पकड़ लिया है और डॉ हसन की आलोचना भी हो रही है.
दरअसल डॉ हसन ने अपने बयान में कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में दूसरे के मज़हब का कोई भी सम्मान नहीं हो रहा है. किसी भी धार्मिक स्थल के ऊपर बुल्डोजर नहीं चलना चाहिए. इस दुनिया को चलाने वाला कोई और है, जब उसका इन्साफ होता है, तो फिर आदमी कहीं से भी अपने आप को नहीं बचा पाता है. हसन ने इस प्राकृतिक आपदा को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर कथित बुलडोजर कार्रवाइयों से जोड़ा, जिसे उन्होंने दूसरे धर्मों के सम्मान की कमी बताया.
बयान से लोग नाराज
एसटी हसन के इस बयान ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं, क्योंकि कई लोग इसे प्राकृतिक आपदा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर अनुचित टिप्पणी मान रहे हैं.
समाजवादी पार्टी पर बीजेपी का निशाना
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने एसटी हसन के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने हैंडल पर पोस्ट किया कि प्राकृतिक आपदाएं संपूर्ण मानवता के लिए दुखदाई हैं. ऐसे में सपा सांसद का बयान जख्मों पर नमक मिर्च लगाने वाला है. प्राकृतिक आपदा को भी मजहबी खांचे में बांटना शर्मनाक बात है. सपा ऐसे सांसद को दंडित करने के बजाय प्रोत्साहित करती है."
पहले भी उठ चुके बुलडोजर पर सवाल
डॉ एसटी हसन पहले भी बुल्डोजर कार्रवाई के खिलाफ खुलकर बोले थे. उन्होंने सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर कार्रवाइयों पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत करते हुए हसन ने कहा था, कि बुलडोजर की कार्रवाई अधिकतर मुसलमानों के खिलाफ ही की जा रही थी. यह प्रजातंत्र है, यहां कोई राजशाही नहीं है.
बहरहाल अभी इस बयान पर डॉ हसन के खिलाफ किसी अधिकारिक शिकायत या बयान नहीं आया है.
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई. इस आपदा में खीरगंगा गांव और आसपास के इलाकों में भारी बाढ़ और मलबा बहकर आया, जिससे घर, होटल, और बस्तियां तहस-नहस हो गईं. अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं. भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और आईटीबीपी की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.
Source: IOCL























