मेरठ में बीजेपी पार्षद ने की बंदर से तुलना तो भड़के नगर आयुक्त, बीच में ही छोड़कर चले गए बोर्ड बैठक
Meerut News: बैठक सुबह 11:30 बजे शुरू होने वाली थी, नगर आयुक्त करीब डेढ़ बजे पहुंचे. मेयर हरिकांत अहलूवालिया और सौरभ गंगवार की मौजूदगी में शुरू हुई बैठक में भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया.

मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक शनिवार (23 अगस्त) को एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई. इस बार विवाद की जड़ विपक्ष नहीं, बल्कि बीजेपी पार्षदों का नगर आयुक्त सौरभ गंगवार के खिलाफ विरोध रहा. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अटल सभागार में आयोजित बैठक के दौरान पार्षदों ने शहर के विकास कार्यों में कथित लापरवाही को लेकर नगर आयुक्त पर निशाना साधा.
मामला तब तूल पकड़ा जब वार्ड 44 के बीजेपी पार्षद उत्तम सैनी ने नगर आयुक्त की तुलना बंदर से कर दी, जिससे नाराज सौरभ गंगवार ने बैठक बीच में ही छोड़ दी. इसके बाद हंगामा और तेज हो गया.
बन्दर से तुलना करने पर भड़के नगर आयुक्त
बैठक सुबह 11:30 बजे शुरू होने वाली थी, लेकिन नगर आयुक्त करीब डेढ़ बजे पहुंचे. मेयर हरिकांत अहलूवालिया और सौरभ गंगवार की मौजूदगी में शुरू हुई बैठक में भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि नगर आयुक्त उनकी मेहनत को नजरअंदाज कर रहे हैं और विपक्षी मानसिकता अपनाए हुए हैं. हाल ही में लगाई गई स्ट्रीट लाइटों में खामियां गिनाते हुए पार्षदों ने उन्हें मंच पर वापस कर दिया और नगर आयुक्त का ट्रांसफर मांगने की बात कही.
विवाद के बीच पार्षद उत्तम सैनी ने एक कहानी के जरिए नगर आयुक्त की तुलना बंदर से कर दी. इस अपमानजनक टिप्पणी से भड़के सौरभ गंगवार बिना कुछ बोले बैठक छोड़कर चले गए. मेयर ने उन्हें कई बार फोन कर वापस लौटने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. इसके बाद पार्षदों ने नगर आयुक्त पर सदन का अपमान करने का आरोप लगाया, जिससे माहौल और गरमा गया.
बैठक स्थगित, तनाव बरकरार
अफरातफरी के बीच मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने बैठक को सोमवार तक स्थगित कर दिया. उन्होंने कहा कि अगली बैठक में सभी मुद्दों पर शांतिपूर्ण और सार्थक समाधान निकाला जाएगा. हालांकि पार्षदों और नगर आयुक्त के बीच तनाव बना हुआ है. पार्षदों में आक्रोश और सौरभ गंगवार के गुस्से के चलते सोमवार को भी हंगामे की संभावना जताई जा रही है, खासकर अगर दोनों पक्षों के बीच समझौता नहीं होता.
सोमवार को दोबारा बैठक
भाजपा पार्षद उत्तम सैनी ने कहा कि नगर आयुक्त की लापरवाही से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाना हमारा अधिकार है. जबकि मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि बैठक में बिना वजह का विवाद हुआ, सोमवार को दोबारा बोर्ड की मीटिंग बुलाई गयी है. समाधान निकाला जाएगा.
अपमान नहीं होगा बर्दाश्त
इस पूरे घटनाक्रम पर नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने कहा कि मेरा और नगर निगम के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का फोकस शहर के विकास पर है. अपमानजनक टिपण्णी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
इस घटना ने मेरठ नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सोमवार की बैठक में अगर पार्टियों के बीच तालमेल नहीं बैठा, तो हंगामे की आशंका बढ़ सकती है.
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Source: IOCL






















